2000 पेड़ों को बचाने भालू और हिरण बने ये लोग, जंगल बचाने का दे रहे संदेश, जानिए वजह

बालोद। छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के बालोद में पेड़ों को बचाने और अपनी बातें सरकार व अन्य लोगों तक पहुंचाने के लिए पर्यावरण प्रेमी अलग-अलग तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं। अब वे वन्य जीव बनकर लोगों को संदेश दे रहे हैं। इससे पहले ‘हमने ठाना है, पर्यावरण बचाना है’ गीत गाते हुए लोगों ने पेड़ों पर भगवान शिव के फोटो चिपकाए थे, और ‘चिपको आंदोलन’ शुरू किया था।

ग्रीन कमांडो के नाम से प्रसिद्ध वीरेंद्र सिंह अपने साथियों के साथ वन्य जीवों का भेष धर जंगल के रास्ते से निकलने वाले लोगों के सामने आ रहे हैं। राहगीरों को जंगल का महत्व समझा रहे हैं। भालू व हिरण के भेष में सड़क किनारे जंगल में घूम रहे हैं। वे लोगों को पर्यावरण को बचाने का संदेश देते और पेड़ों का महत्व बता रहे हैं।

इस अनूठे ढंग के बारे में वाकिफ कराते हुए वीरेंद्र सिंह ने बताया कि, अगर पेड़ नहीं रहेगा तो जंगली जानवर कहां रह कर अपना जीवन यापन करेंगे, उन्हें मजबूरन रिहायशी इलाकों में जाना पड़ेगा। पेड़ काटने से लोगों के जन जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

बाइपास का है यह प्रोजेक्ट

जिले का तरौद दैहान बाइपास बनाने के लिए सरकार 2 हजार से अधिक पेड़ काटने की तैयारी में हैं। इस बाइपास को 10 मीटर चौड़ा कर करीब 8 किमी तक कंक्रीट की सड़क बनाने की योजना है। इसके बाद यह सड़क नेशनल हाईवे-930 से जुड़ जाएगी। करीब 40 करोड़ रुपए खर्च कर बनाई जाने वाली इस सड़क के लिए वहां लगे पेड़ों को काटा जाएगा।

Related Articles

Back to top button