
Mahakumbh 2025 : कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले की गौरी नाइक एक बार फिर चर्चा में हैं। वह महाकुंभ में स्नान करना चाहती थीं, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वहां जाने में असमर्थ रहीं। ऐसे में उन्होंने एक अनोखा निर्णय लिया, गंगा को अपने घर बुलाने का। इस सोच के साथ उन्होंने अपने घर के पीछे खुद अपने बलबूते पर 40 फीट गहरा कुआं खोद दिया। अब वह इस कुएं के जल को गंगा जल मानकर महाशिवरात्रि के दिन उसमें स्नान करेंगी। उनके इस प्रयास की पूरे देश में सराहना हो रही है।
सिरसी गांव की 57 वर्षीय गौरी नाइक इससे पहले भी अपनी मेहनत से तीन कुएं खोद चुकी हैं। जब उनसे इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि महाकुंभ में स्नान करने के लिए किस्मत का अच्छा होना जरूरी है, लेकिन वह इतनी भाग्यशाली नहीं हैं। उनके पास थोड़ी-सी कृषि भूमि है, जिससे इतनी आमदनी नहीं होती कि वे महाकुंभ जाने का खर्च उठा सकें। इसी कारण उन्होंने अपने घर के पीछे कुआं खोदकर गंगा जल प्राप्त करने का निर्णय लिया।
गौरी ने करीब 40 फीट गहरा कुआं खोदा, जिसमें अब जल स्रोत भी निकल आया है। इस समय कुएं में पर्याप्त पानी भरा हुआ है और वह इसे गंगा जल मानती हैं। उन्होंने बताया कि दिसंबर में उन्हें महाकुंभ के बारे में जानकारी मिली थी और उनके गांव से कई लोग वहां जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन उनके पास पर्याप्त धनराशि नहीं थी। उसी समय उन्होंने विचार किया कि अगर वह खुद कुआं खोद लें, तो गंगा जल उनके पास ही आ जाएगा। इसके बाद उन्होंने तुरंत खुदाई शुरू कर दी और दो महीनों की अथक मेहनत के बाद कुएं की खुदाई पूरी की। (Mahakumbh 2025)
उनके पड़ोसियों के अनुसार, गौरी प्रतिदिन 6 से 8 घंटे तक लगातार खुदाई करती थीं। इससे पहले उन्होंने अपने खेत में सिंचाई के लिए पहला कुआं खोदा था, दूसरा कुआं गांववासियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था हेतु और तीसरा गणेश नगर आंगनवाड़ी स्कूल के लिए खोदा था। हालांकि गणेश नगर के कुएं की खुदाई को प्रशासन ने बीच में रोक दिया था, लेकिन सांसद अनंत कुमार हेगड़े के हस्तक्षेप के बाद उन्हें इसे पूरा करने की अनुमति मिली।
त्रिवेणी संगम का फल मिलेगा घर पर
गौरी के इस समर्पण और संकल्प की हर ओर प्रशंसा हो रही है। महाशिवरात्रि के दिन वह इस पवित्र जल में स्नान करेंगी और उनके लिए यह एक प्रयागराज महाकुंभ के त्रिवेणी संगम स्नान के समान होगा। (Mahakumbh 2025)