नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्त पर विवाद, कांग्रेस ने उठाए सवाल

Congress on Election Commissioner: ज्ञानेश कुमार को नए मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त करने पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है। इसे लेकर राज्यसभा सांसद और कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने सांसद अभिषेक सिंघवी के साथ AICC मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान माकन ने कहा कि दिल्ली में चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) के चुनाव से जुड़ी बैठक हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 19 फरवरी को इस विषय में सुनवाई होगी और फैसला सुनाया जाएगा कि कमेटी का कांस्टीट्यूशन किस तरीके का होना चाहिए। ऐसे में बैठक को स्थगित करना चाहिए था।

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सांसद सिंघवी ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए 2023 में एक एक्ट आया- मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम। इसके अनुसार- प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और नेता विपक्ष की समिति मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन करती है, लेकिन उसमें बहुत सारी संवैधानिक और कानूनी समस्याएं हैं। इन्हीं समस्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सामने बात रखी गई और सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च 2023 को एक फैसला दिया। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र और उसकी निष्पक्षता के लिए CEC और EC की चयन समिति में प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और नेता विपक्ष हों, लेकिन इस फैसले की आत्मा और उद्देश्य को बिना समझे, जल्दबाजी में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम लाया गया। (Congress on Election Commissioner)

सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई: सिंघवी

सिंघवी ने कहा कि इस नए कानून में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के ठीक विपरीत काम किया गया, जिसमें पूरी तरह से कार्यपालिका मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) का चयन कर रही है। मोदी सरकार मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए 2023 में जो नया कानून- मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम लेकर आई है, इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। अभी तक सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर 3 आर्डर पास किए हैं और अगली सुनवाई 19 फरवरी के आस पास होनी है। इसलिए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के चयन को लेकर कांग्रेस का स्टैंड बड़ा स्पष्ट है कि CEC के चुनाव से जुड़ी जो बैठक हुई है, उसे स्थगित किया जाए। (Congress on Election Commissioner)

संविधान की मूल भावना की अवमानना: प्रमोद

कांग्रेस सांसद ने कहा कि मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट को ये याचिका दे कि CEC के चुनाव से जुड़ी सुनवाई जल्द की जाए। इसमें कांग्रेस, सरकार का पूरा समर्थन करेगी। मोदी सरकार को अपना अहंकार छोड़कर ये मांग माननी चाहिए। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में इस प्रकरण की चयन समिति के गठन को लेकर चुनौती दी गई है। मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए स्वीकार भी कर लिया गया है। ऐसे में क्या जल्दबाजी दी थी कि इस दौरान नियुक्ति कर दी गई? लोकतंत्र में चुनाव न केवल निष्पक्ष होना चाहिए, बल्कि निष्पक्ष होता हुआ दिखना भी चाहिए। यह सुप्रीम कोर्ट की और संविधान की मूल भावना की अवमानना है। (Congress on Election Commissioner)

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