Agnipath Nuksan: अग्निपथ के विरोध में रेलवे को करोड़ों का नुकसान, रेल मंत्री ने दी जानकारी

Agnipath Nuksan: अग्निपथ योजना के विरोध में देशभर में हुए प्रदर्शन के चलते रेलवे को भारी नुकसान हुआ है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ से रेलवे को 259.44 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। हालांकि ये आंकड़ा सिर्फ संपत्ति को हुए नुकसान का है। इस दौरान रद्द हुईं ट्रेनों यानी पैसेंजर और मालगाड़ी की वजह से भी रेलवे को बहुत नुकसान उठाना पड़ा। वैष्णव ने बताया कि 14 जून से 22 जून तक ट्रेनें निरस्त होने की वजह से कुल 102.96 करोड़ रुपए किराये के रूप में वापसी की गई। इसी अवधि में अग्निपथ योजना के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन हुए थे। अलग-अलग राज्यों में प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की थी। (Agnipath Nuksan)

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में बताया कि साल 2020-21 के दौरान हड़ताल और आंदोलन की वजह से रेलवे को 904 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। रेल मंत्री ने सदन को बताया कि हड़ताल और आंदोलन की वजह से रेलवे को 2019-20 में 151 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसी तरह 2020-21 में 904 करोड़ और 2021-22 में 62 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इस साल सिर्फ अग्निपथ स्कीम के विरोध में हुए आंदोलन के दौरान रेलवे की 260 करोड़ रुपए की संपत्तियां स्वाहा हुईं। इस तरह 2019 से लेकर अब तक रेलवे को 1376 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इस साल रेलवे को सबसे ज्यादा नुकसान बिहार और तेलंगाना में हुआ है। रेल मंत्री ने बताया कि अग्निपथ स्कीम के खिलाफ देशभर में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान रेलवे परिसरों में 2 लोगों की मौत हुई। 35 जख्मी हुए। रेलवे परिसरों में हुई हिंसा और आगजनी को लेकर देशभर में 2,642 लोगों को गिरफ्तार किया गया। (Agnipath Nuksan)

रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने 100 से ज्यादा केस दर्ज

उन्होंने बताया कि रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के सिलसिले में दर्ज मामलों की संख्या 2019 में 95, 2020 में 30 और 2021 में 34 रही। उन्होंने कहा कि मौजूदा साल में कानून व्यवस्था की स्थिति की वजह से रेलवे की संपत्ति को सर्वाधिक नुकसान बिहार और तेलंगाना में पहुंचा। अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एम आरिफ के एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि रेलवे को यात्री ट्रेनों से घाटा ही होता है। मालगाड़ी से अगर उसकी कमाई नहीं होती तो रेलवे का भट्ठा बैठ जाता। रेलवे हर यात्री से टिकट के रूप में औसतन यात्रा लागत का आधा ही वसूलता है। उन्होंने बताया कि भारतीय रेल पहले से ही वरिष्ठ नागरिकों समेत यात्रियों के लिए यात्रा लागत पर 50% से अधिक का खर्च पहले से वहन कर रही है। इसके अलावा, कोविड-19 के कारण पिछले दो वर्षों की रेलवे की कमाई 2019-20 की तुलना में कम रही। इसका रेलवे की वित्तीय सेहत पर भी दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा। हालांकि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई, जिसमें युवाओं का भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। (Agnipath Nuksan)

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