जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के हटने के बाद अलगाववाद समाप्त: अमित शाह

Amit Shah on terrorism: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आतंकी घटनाओं को लेकर लोकसभा में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 1994 से 2004 तक आतंकवाद की कुल 40 हजार 164 घटनाएं दर्ज की गई। 2004 से 2014 तक जब मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के शासन का समय था, आतंकवाद की कुल 7 हजार 217 घटनाएं हुईं। नरेंद्र मोदी सरकार में यानी 2014 से 2023 तक सिर्फ 2 हजार घटनाएं हुईं। इसलिए मैं ठीक ही कहता था कि अलगाववाद की भावना का मूल, उसका उद्भव स्थान, अनुच्छेद 370 है।शाह ने कहा कि धारा 370 खत्म होने के बाद 2021 में जम्मू-कश्मीर में पहला थिएटर शुरू हुआ। घाटी में 100 से ज्यादा फिल्मों की शूटिंग हो रही है और लगभग 100 से ज्यादा मूवी थिएटरों के लिए बैंक लोन के प्रस्ताव प्रक्रिया में हैं।

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शाह ने कहा कि कश्मीर में आतंकवाद के कारण अपनी संपत्ति छोड़ कर भागे लोगों को उनकी संपत्ति वापस दिलाने का काम मोदी सरकार ने किया है। धारा 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह बदलाव आया है। विदेश में छुट्टी मनाने वाले लोगों को जम्मू-कश्मीर में हो रहे बदलाव समझ नहीं आएंगे। हजारों लोगों की मौत का कारण बनी धारा 370 को मोदी जी ने उखाड़ कर फेंक दिया। अब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के पूरे इकोसिस्टम को खत्म करने का काम किया जा रहा है। धारा 370 समाप्त होने के बाद कश्मीर में 30 साल के बाद खुले सिनेमा हॉल यहां हुए बदलाव को बयान करते हैं। (Amit Shah on terrorism)

केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के हटने के बाद अलगाववाद समाप्त हुआ है और आतंकवाद में बहुत कमी आई है। अलगाववाद और आतंकवाद का मूल कारण अनुच्छेद 370 के अलावा और कुछ नहीं था। जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में 70% की कमी देखी गई। पिछले तीन सालों से एक जीरो टेरर प्लान सक्रिय है। केंद्रीय गृहमंत्री के बयान को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि कितनी फौज है वहां, कितनी BSF, कितनी CRPF है? अगर इतनी फौज होने के बाद भी हमारे फौजी, जवान और अफसर मर रहे हैं तो वजह क्या है। अगर सचमुच आतंकवाद खत्म हो गया है तो हमारे जवान कैसे मारे गए? (Amit Shah on terrorism)

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