Shah in Lok Sabha: संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पास हो गए। इसे लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं यहां जो विधेयक लेकर आया हूं वह उन लोगों को न्याय दिलाने और उनका अधिकार दिलाने से संबंधित है, जिनके खिलाफ अन्याय हुआ, जिनका अपमान हुआ और जिनकी उपेक्षा की गई। किसी भी समाज में जो लोग वंचित हैं उन्हें आगे लाना चाहिए, यही भारत के संविधान की मूल भावना है। उन्हें इस तरह से आगे लाना होगा जिससे उनका सम्मान कम न हो। अधिकार देना और सम्मानपूर्वक अधिकार देना दोनों में बहुत अंतर है। इसलिए इसका नाम कमजोर और वंचित वर्ग की बजाय अन्य पिछड़ा वर्ग किया जाना जरूरी है।
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उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने इसे कम आंकने की भी कोशिश की। किसी ने कहा कि सिर्फ नाम बदल रहा है। मैं उन सभी से कहना चाहूंगा कि अगर हमारे अंदर थोड़ी सी भी सहानुभूति है तो हमें देखना होगा कि नाम के साथ उनका सम्मान जुड़ा है। ये वही लोग देख सकते हैं जो इन्हें अपने भाई की तरह समझकर आगे लाना चाहते हैं, वे इसे नहीं समझ सकते जो इसे अपने राजनीतिक फायदे के लिए वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते हैं…नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जिनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ और आज देश के प्रधानमंत्री बन गए। वे गरीबों का दर्द जानते हैं। (Shah in Lok Sabha)
Union Home Minister Shri @AmitShah speakes in the Lok Sabha. https://t.co/2OVisFjRzS
— BJP (@BJP4India) December 6, 2023
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि1980 के दशक के बाद आतंकवाद का दौर आया और वह बड़ा भयावह दृश्य था। जो लोग इस ज़मीन को अपना देश समझकर रहते थे, उन्हें बाहर निकाल दिया गया और किसी ने उनकी परवाह नहीं की। जिन लोगों पर इसे रोकने की ज़िम्मेदारी थी वे इंग्लैंड में छुट्टियों का आनंद ले रहे थे…जब कश्मीरी पंडितों को विस्थापित किया गया, तो वे अपने देश में शरणार्थी के रूप में रहने को मजबूर हो गए। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार लगभग 46,631 परिवार और 1,57,968 लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए। यह विधेयक उन्हें अधिकार दिलाने के लिए है, यह विधेयक उन्हें प्रतिनिधित्व देने के लिए है। (Shah in Lok Sabha)
POK हमारा है… pic.twitter.com/89KfO5ame5
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) December 6, 2023
शाह ने कहा कि पाकिस्तान ने 1947 में कश्मीर पर हमला किया जिसमें लगभग 31,789 परिवार विस्थापित हुए…1965 और 1971 के युद्धों के दौरान 10,065 परिवार विस्थापित हुए। 1947, 1965 और 1969 के इन तीन युद्धों के दौरान कुल 41,844 परिवार विस्थापित हुए। यह यह बिल उन लोगों को अधिकार देने का, उन लोगों को प्रतिनिधित्व देने का एक प्रयास है। पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब 43 हैं। कश्मीर में पहले 46 थीं, अब 47 हैं और PoK में 24 सीटें आरक्षित कर दी गई हैं क्योंकि PoK हमारा है। जब आतंकवाद शुरू हुआ और आतंकवाद ने हर किसी को निशाना बनाकर भगाया, तो घड़ियाली आंसू बहाने वाले मैंने बहुत नेता देखे। शब्दों से सांत्वना देने वाले मैंने बहुत नेता देखे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने सही मायने में पीड़ितों के आंसू पोछने का काम किया है। (Shah in Lok Sabha)
दशकों से अपने ही देश में शरणार्थी बनकर रह रहे हमारे कश्मीरी विस्थापित बहनों-भाइयों की भी आवाज अब विधानसभा में गूँजेंगी। pic.twitter.com/uBtnOsJCmq
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) December 6, 2023
अमित शाह ने कहा कि पिछड़े वर्ग का सबसे बड़ा विरोध और पिछड़े वर्ग को रोकने का काम यदि किसी पार्टी ने किया है तो कांग्रेस पार्टी ने किया है… पिछड़ा वर्ग आयोग को 70 साल तक संवैधानिक मान्यता नहीं दी गई… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “दो बड़ी गलतियां (पूर्व पीएम) पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री काल में उनके लिए हुए निर्णयों से हुईं, जिसके कारण कश्मीर को कई वर्षों तक नुकसान उठाना पड़ा। पहला है, जब हमारी सेना जीत रही थी तब युद्धविराम की घोषणा करना। सीजफायर लगाया गया, अगर तीन दिन बाद सीजफायर होता तो PoK आज भारत का हिस्सा होता…दूसरा है अपने आंतरिक मुद्दे को UN में ले जाना। (Shah in Lok Sabha)
#WATCH केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "दो बड़ी गलतियां (पूर्व पीएम) पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री काल में उनके लिए हुए निर्णयों से हुईं, जिसके कारण कश्मीर को कई वर्षों तक नुकसान उठाना पड़ा। पहला है, जब हमारी सेना जीत रही थी तब युद्धविराम की घोषणा करना। सीजफायर लगाया… pic.twitter.com/wXRrS6rLqA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2023