छत्तीसगढ़ : आत्मनिर्भर गोठान जहां की गतिविधियां प्रेरक,गोठान पाठशाला में आय अर्जित करने की तकनीक सीख रहीं महिलाएं

अम्बिकापुर के समीप स्थित सोहगा गांव में प्रदेश का पहला गोठान है, जहां गोठान पाठशाला लगती है। तीन दिवसीय पाठशाला में यहां की महिलाएं दूसरी जगह की महिलाओं की कक्षाएं लेती हैं। सरगुजा की महिलाओं को निःशुल्क पढ़ाया जाता है। वहीं दूसरे जिले की महिलाओं के लिए शुल्क निर्धारित है। यह गोठान मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में स्थापित हो चुका है।

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सरगुजा जिले में कुल 284 गोठान हैं। इनमें अलग-अलग रोजगारमूलक गतिविधियों का संचालन हो रहा है। यह गोठान आत्मनिर्भरता की मिसाल है। यहां का गोठान संचालन करने वाली महिलाओं ने अपनी आय को बढ़ाने का परिणाम मूलक काम किया है। अब दूसरे जिले से गोठानों के संचालन करने वाली महिलाओं को आय अर्जित करने का पाठ पता रही हैं। यहां आकर आयमूलक गतिविधियां देखती महिलाएं। गोठानों से आय अर्जित करने की न सिर्फ सैद्धांतिक बल्कि प्रायोगिक सामग्रियों का अध्ययन करती हैं।

कम समय में अच्छी कमाई कम समय में सोहगा गोठान को संचालित करने वाली तीन अलग-अलग महिला समूहों ने संयुक्त प्रयास से सफलता इस आदर्श गोठान में अच्छी आमदनी अर्जित की है। वर्मी कंपोस्ट व सुपर कंपोस्ट से तीन लाख, अंडा उत्पादन 90 लाख की शुद्ध नकद आय अर्जित हुई है।

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गोठानों को बहुद्देश्यीय गतिविधियों का केंद्र बनाने से ही महिलाओं को हम आर्थिक रूप से मजबूत कर सकते हैं। सोहगा गोठान को आदर्श गोठान बनाने में हम सफल हुए हैं। जिले के सभी गोठानों को हम इसी तर्ज पर बहुद्देश्यीय गतिविधि का केंद्र बनाने की कोशिश में है ताकि सभी जगह गोठान पाठशाला संचालित हो सके और प्रदेशभर के गोठान से संचालक यहां आकर सीख सकें। गौठान नेपियर घास लगाकर पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था, लेयर मुर्गी पालन, ब्रायलर मुर्गी पालन, बटेल पालन, जिमीकंद, शकरकंद, तरह-तरह की साग सब्जियां व मशरूम उत्पादन वर्मी कंपोस्ट सुपर कंपोस्ट निर्माण की, मछली पालन किया जा रहा है।

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