भारत के 50वें CJI बने जस्टिस DY चंद्रचूड़, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ
CJI DY Chandrachud: जस्टिस DY चंद्रचूड़ भारत के 50वें चीफ जस्टिस बन गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें शपथ दिलाई है। उनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का पूरा नाम जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ है। उनके पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ भी CJI रह चुके हैं। वाईवी चंद्रचूड़ के नाम सबसे लंबे समय तक यानी 1978 से 1985 तक CJI रहने का रिकॉर्ड है।
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बता दें कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से LLB की। 1998 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया था। वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। मई 2016 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जज बनाया गया। वे सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा सिटिंग जज हैं। वे सबरीमाला, समलैंगिकता, आधार और अयोध्या से जुड़े मामलों की सुनवाई में शामिल रहे हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें CJI थे। जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ का कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक यानी करीब 7 साल रहा। उनके रिटायरमेंट के 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ उसी पद पर नियुक्त हुए हैं। (CJI DY Chandrachud)
दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई। pic.twitter.com/lXjYzGcy1W
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 9, 2022
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पिता के 2 बड़े फैसलों को SC में पलट भी चुके हैं। वे बेबाक फैसलों के लिए चर्चित हैं। कानून मंत्री किरन रिजिजू ने 7 अक्टूबर को CJI यूयू ललित को चिट्ठी लिखकर उनसे उनके उत्तराधिकारी का नाम बताने की अपील की थी। परंपरा है कि मौजूदा CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है। नोएडा में सुपरटेक के दोनों टावर 28 अगस्त को गिराए गए। 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने टावरों को तोड़ने का आदेश दिया था। ट्विन टावर के निर्माण में नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों का उल्लंघन किया गया था। (CJI DY Chandrachud)
LIVE: Swearing-in-Ceremony of the Chief Justice of India Dr Justice D.Y. Chandrachud at Rashtrapati Bhavan https://t.co/sTd1dC8fkm
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 9, 2022
बता दें कि केरल में अखिला अशोकन उर्फ हादिया ने शफीन नाम के मुस्लिम लड़के से 2016 में शादी की थी। लड़की के पिता का आरोप था कि यह लव जिहाद का मामला है। उनकी बेटी का धर्म बदलवा कर जबरदस्ती शादी की गई है। इसके बाद हाईकोर्ट ने शादी रद्द कर दी और हादिया को उसके माता-पिता के पास रखने का आदेश दिया था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने हादिया की शादी रद्द करने से संबंधित केरल हाईकोर्ट का आदेश खारिज कर दिया। (CJI DY Chandrachud)
वहीं 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने निजता को मौलिक अधिकार माना। इस बेंच में चंद्रचूड़ भी शामिल थे। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा- एडीएम जबलपुर मामले में बहुमत के फैसले में गंभीर खामियां थीं। संविधान को स्वीकार करके भारत के लोगों ने अपना जीवन और निजी आजादी सरकार के समक्ष आत्मसमर्पित नहीं कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार दिया, फिर चाहें वो विवाहित हों या अविवाहित। कोर्ट ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत 22 से 24 हफ्ते तक गर्भपात का हक सभी को है। बेंच की अगुवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे थे। बता दें कि CJI यूयू ललित का कार्यकाल सिर्फ 74 दिन का था। (CJI DY Chandrachud)