छत्तीसगढ़ शासन की द्वारा संचालित की जा रही ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’, जानें किसान कैसे लें इसका लाभ
CM Tree Estate Scheme : छत्तीसगढ़ शासन की ओर से ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ संचालित किया जा रहा हैं। ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ के अंतर्गत कृषकों को स्वयं की भूमि पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण कर योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं। मिली जानकारी के अनुसार कृषकों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से हाल ही में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
यह भी पढ़ें : फरवरी में है छुट्टियों की भरमार, इस महीने कुल इतने दिन बैंक रहेंगे बंद, ऐसे निपटाएं अपने जरुरी काम
CM Tree Estate Scheme : कैसे लें इस योजना का लाभ
जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के वनमंडल अधिकारी मयंक अग्रवाल ने चर्चा में बताया कि, ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ (CM Tree Estate Scheme) में भाग लेने हेतु इच्छुक कृषक अथवा संस्था अपने क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर आगामी वर्ष में रोपण हेतु आवश्यक पौधों की जानकारी सहमति पत्र के साथ दे सकते हैं।
एक लाख 80 हजार एकड़ में होगा पौधा रोपण
इस योजना में कृषकों के निजी भूमि में प्रतिवर्ष अनुमानित 36 हजार एकड़ के मान से पांच वर्षों में एक लाख 80 हजार एकड़ में पौधा रोपण किया जाएगा। जिसमें वाणिज्यिक वृक्ष प्रजातियों (क्लोनल नीलगिरी, टिशू कल्चर बांस, टिशू कल्चर सागौन, मिलिया डूबिया एवं अन्य आर्थिक लाभकारी प्रजाति) का रोपण किया जाएगा। समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध-शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें तथा भूमि अनुबंध धारक जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते है, इस योजना के हितग्राही होंगे।
CM Tree Estate Scheme : 5 एकड़ में 5000 पौधों का रोपण
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना (CM Tree Estate Scheme) के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को 5 एकड़ तक भूमि पर (अधिकतम 5000 पौधे) पौधों का रोपण हेतु 100 प्रतिशत तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि पर रोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान दिया जाएगा। इस योजना में सहयोगी संस्था अथवा निजी कम्पनियों के सहभागिता का प्रस्ताव है। उनके द्वारा वित्तीय सहभागिता के साथ शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर हितग्राहियों के वृक्षों की वापस खरीद का प्रस्ताव भी दिया गया है।
यह भी पढ़ें : कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने किया माघी पुन्नी मेला स्थल का निरीक्षण, 5 फरवरी से होगा आयोजन
वनमंडलाधिकारी ने की अपील
सहयोगी संस्था अथवा निजी कम्पनियों की सहभागिता से कृषकों को उनके उत्पाद के लिए सुनिश्चित बाजार उपलब्ध होगी तथा शासन पर वित्तीय भार भी कम होगा। टिशू कल्चर सागौन, टिशू कल्चर बांस एवं मिलिया डूबिया वृक्षों के परिपक्व होने के पश्चात् निर्धारित समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा खरीदा जाएगा।
वनमंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा, शासन की यह महती योजना किसान भाइयों व संस्थाओ के लिए हैं। इसका अधिक से अधिक लाभ लेंवे।