FSSAI ने जारी की एडवाइजरी, अगर दूध में है मिलावट का शक, तो यहां कराए फ्री में जांच, जानें पूरी प्रक्रिया

Adulterated Milk : मिलावटी दूध और इससे बने उत्पादों की बिक्री की शिकायतें लगातार सुनने को मिलती रहती हैं। दूध और इससे बनने वाले उत्पादों में लगातार मिलावट कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वहीं अब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने नए निर्देश जारी किए हैं। 6 मार्च को सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी करते हुए दूध की जांच मुफ्त में करने के निर्देश दिए गए हैं।

यह भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में NIA की ताबड़तोड़ छापेमारी, आतंकी फंडिंग के खिलाफ एक्शन

Adulterated Milk : दूध और उससे बने उत्पादों की होगी जांच

अब कोई भी व्यक्ति अपने घर आने वाले दूध की सैंपलिंग करवा सकता है। इसके लिए एफएसएसएआइ ने प्रदेश खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को आदेश जारी किया है। आदेशानुसार दूध और इससे बने उत्पादों की गुणवत्ता जांचने के लिए सप्ताह में एक दिन मोबाइल टेस्टिंग वैन तैनात की जाएगी। निर्देश के मुताबिक टेस्टिंग वैन में रोजाना दूध और इससे बने उत्पादों के कम से कम 10 नमूनों की जांच की जाएगी।

दूध में मिलावट पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए

बता दें कि दूध में मिलावट पर कड़ी निगरानी करने के भी निर्देश दिए गए हैं। एफएसएसएआइ ने ग्राहकों से भी आग्रह किया है कि वे अपने पास तैनात टेस्टिंग वैन में दूध और इसके उत्पादों की जांच कराएं। इसके लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस नई व्यवस्था से पहले खाद्य लैब या चलित लैब में दूध और अन्य खाद्य पदार्थों की जांच करवाने के लिए प्रति सैंपल 35 रुपये का शुल्क लिया जाता था। अब सर्विलांस सैंपल की जांच पूरी तरह से मुफ्त होगी। यानी किसी को दूध में मिलावट का संदेह होने पर इसकी जांच निशुल्क की जाएगी। यदि लीगल सैंपल, जिस पर न्यायालय में केस प्रस्तुत करना है तो इसके लिए चार्ज देना पड़ सकता है।

यह भी पढ़ें : भोपाल गैस त्रासदी पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पीड़ितों को नहीं मिलेगा 7400 करोड़ का मुआवजा

Adulterated Milk : इससे पहले 2018 में हुई थी सैंपलिंग

इससे पूर्व एफएसएसएआइ के निर्देश के बाद 2018 में सैंपलिंग की गई थी। जिसमें रोज घर-घर पहुंचने वाला दूध असुरक्षित पाया गया था। इनमें से कुछ सैंपल्स में एफ्लाटाक्सिन एम-1 मिलाकर बेचे जाने की पुष्टि भी हुई थी। एफएसएसएआइ ने प्रदेश के 16 शहरों से 2018 में जून से दिसंबर के बीच दूध के 84 सैंपल लिए थे। उनकी जांच में 22 सैंपल अमानक मिले थे। अमानक मिले सैंपलों में से कुछ में एंटीबायोटिक भी मानक से ज्यादा पाया गया था। सैंपलों में ब्रांडेड डिब्बाबंद, पैकेट वाले और खुली डेयरियों का दूध शामिल था।

इस संबंध में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के नियंत्रक केडी कुंजाम का कहना है कि होली के पहले ही मोबाइल लैब के साथ विभिन्‍न मिष्ठान्‍न भंडारों से सैंपलिंग करना शुरू किया जा चुका है। अब नए निर्देश के हिसाब से दूध और उससे बने उत्पादों की जांच मुफ्त करने के निर्देश हैं। चलित लैब की सहायता से या लैब में भी जांच कराई जा सकती है।

Related Articles

Back to top button