राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी… गाने वाली गायिका स्वाति मिश्रा के मुरीद हुए PM मोदी

नई दिल्ली । देश-दुनिया में शायद ही कोई राम भक्त होगा, जिसने राम आएंगे तो, अंगना सजाऊंगी .. भजन को किसी न किसी रूप में देखा सुना नहीं होगा। सोशल मीडिया पर बनने वाली रील्स से लेकर गली-नुक्कड़ के कार्यक्रमों में यह भजन बज रहा है। बुधवार को भजन गायिका बिहार के छपरा की रहने वाली स्वाति मिश्रा की खुशी को ठिकाना नहीं था, क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स पर भजन का लिंक पोस्ट करते हुए लिखा, श्री राम लला के स्वागत में स्वाति मिश्रा का भक्ति से भरा यह भजन मंत्रमुग्ध करने वाला है। स्वाति ने इंस्टाग्राम पर पीएम मोदी की तरफ से साझा किए लिंक का स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए लिखा कि आज तो उनके ऊपर रामजी की कृपा बरस गई है।

स्वाति ने करीब 2 महीने पहले यूट्यूब चैनल पर यह भजन पोस्ट किया था। अब तक वहां इसे करीब 4.3 करोड़ लोग देख चुके हैं। अमेरिका की एमोरी यूनिवर्सिटी से पब्लिक हेल्थ में मास्टर्स और बायोलॉजी में बैचलर्स डिग्री लेने वाली स्वाति न सिर्फ अच्छा गाती हैं, बल्कि तबला व कीबोर्ड बजाने में भी माहिर हैं। स्वाति फिलहाल मुंबई में रहती हैं। उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में यह भजन गाने की इच्छा जताई थी। उन्हें प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण मिला है या नहीं यह स्पष्ट नहीं है।

अब अनिवासी भारतीय भक्त भी सामर्थ्य अनुसार राम मंदिर के निर्माण में योगदान दे पाएंगे। न्यूयॉर्क स्थित एक भारतीय समुदाय के संगठन ने विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए 2010) के तहत पंजीकरण प्राप्त कर लिया है। इससे गैर भारतीय पासपोर्ट रखने वाले भक्त अब स्वेच्छा से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के उद्देश्यों के लिए योगदान कर सकते हैं। दान ऑनलाइन किया जा सकता है।

यह भी पढ़े :- शरद गुट के NCP विधायक का विवादित बयान, कहा- भगवान राम शाकाहारी नहीं, मांसाहारी थे…

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही देश और दुनिया के छात्र अयोध्या के इतिहास और वर्तमान का अध्ययन कर सकेंगे। स्कूल ऑफ राम ने राम और उनकी अयोध्या के बारे में जानकारी देने के लिए एक महीने का निशुल्क सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है। इसमें दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और दो दिन में ही दो सौ से अधिक आवेदन आ चुके हैं।

20 जनवरी से महीने भर के सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम की शुरुआत कर रहे हैं। इस कोर्स में अयोध्या के पौराणिक, भौगोलिक, ऐतिहासिक और वैज्ञानिक महत्व को समझाया जाएगा। इसी के साथ विद्यार्थियों को अयोध्या जन्मभूमि विवाद के इतिहास के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। साथ ही मंदिर निर्माण के लिए नींव की पत्थर बनी महान विभूतियों के जीवन के बारे में भी अवगत कराया जाएगा।

Related Articles

Back to top button