
Curfew Imposed in Bangladesh: बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ हिंसा जारी है। इस बीच देश में हालात बेकाबू हो गए हैं, जिसे काबू करने के लिए सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के जनरल सेक्रेटरी ओबैदुल कादर ने 19 जुलाई की देर रात कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया। साथ ही कहा कि हिंसा काबू करने के लिए सेना को तैनात किया गया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बांग्लादेश के सरकारी नौकरियों में आरक्षण बहाली का आदेश दिया है, जिसके खिलाफ हिंसक प्रदर्शन जारी है।
यह भी पढ़ें:- जलवायु परिवर्तन एक टाइम बम और अस्तित्व का संकट है: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
वहीं नौकरी में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में जारी देशव्यापी विरोध प्रदर्शन को लेकर मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा कि हम जानते हैं कि स्थिति एक स्थानीय मुद्दा है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है जैसे ही हमें यह जानकारी मिली, हम तुरंत कार्रवाई में जुट गए। भारत के करीब 405 छात्रों को बांग्लादेश से निकाला गया है उनमें से 80 मेघालय से हैं। हम भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं। विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों से भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी की गई सलाह का पालन करने और उच्चायोग के संपर्क में रहने का आग्रह किया है। ढाका में उच्चायोग और सहायक उच्चायोग किसी भी सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबरों पर उपलब्ध हैं। (Curfew Imposed in Bangladesh)
विदेश मंत्रालय ने की अपील
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि पड़ोसी देश में लगभग साढे आठ हजार छात्रों समेत करीब 15 हजार भारतीय नागरिक रहते हैं। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री सुब्रण्यम जयशंकर खुद स्थिति पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत बांग्लादेश में विरोध को उसके आंतरिक मामले के रूप में देखता है। वहीं ओमान के पास डूबे जहाज पर उन्होंने कहा कि तलाश और बचाव अभियान जारी है। 15 जुलाई को जहाज डूबने के बाद से भारतीय नौसेना और ओमानी अधिकारी खोज और बचाव अभियान चला रहे हैं। चालक दल के सोलह सदस्यों में से नौ लोगों को बचा लिया गया है, जिनमें आठ भारतीय और एक श्रीलंकाई शामिल है। (Curfew Imposed in Bangladesh)
जल्द वापस लौटेंगे भारतीय
रणधीर जयसवाल ने कहा कि घटना में चालक दल के एक सदस्य की मौत हो गई है। रूसी सेना से भारतीय नागरिकों की वापसी पर जयसवाल ने कहा कि लगभग 50 भारतीय नागरिकों ने मंत्रालय से संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि इस विशेष मुद्दे को भारत ने सभी स्तर पर उठाया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉस्को में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस मुद्दे पर चर्चा की थी। दोनों देश भारतीय नागरिकों की जल्द रिहाई के लिए काम कर रहे हैं। दरअसल, भारतीयों के रूसी सेना में शामिल होने को लेकर रूस की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि हमें अपनी सेना में भारतीयों की जरूरत नहीं है।बिचौलियों ने उन्हें सेना में शामिल कराया था, जो जल्द भारत लौटेंगे। (Curfew Imposed in Bangladesh)