पश्चिम बंगाल से टकराया रेमल तूफान, कई जगहों पर पेड़ और खंबे उखड़े

Cyclone Remal: बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना निम्न दबाव प्रणाली चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ में तब्दील हो गया, जो पश्चिम बंगाल के तटीय इलाके कैनिंग में लैंडफॉल हुआ। इस दौरान पश्चिम बंगाल के सागरद्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच 135kmph की रफ्तार से हवा चली। साथ ही भारी बारिश हुई, जो अभी तक जारी है। तूफान की वजह से भारी बारिश और तेज हवाओं के बीच सागर बाईपास रोड के पास एक पेड़ गिर गया, जिसे NDRF की टीम ने सड़क साफ की। वहीं तूफान के चलते पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में भारी तबाही हुई है। कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए और घर ढह गए। साथ ही बिजली के खंभे भी उखड़ गए।  गोसाबा इलाके में मलबे की चपेट में आने से एक शख्स घायल हो गया।

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साउथ कोलकाता के DC प्रियाब्रत रॉय ने कहा कि कई जगहों पर पेड़ गिरने की सूचना मिली है, जहां कोलकाता नगर निगम और कोलकाता पुलिस की आपदा प्रबंधन टीम ने पेड़ों को हटाने का काम किया। जिला प्रशासन की ओर से चक्रवात के परिस्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है। तूफान के चलते कोलकाता शहर के कई हिस्सों में लगातार बारिश जारी है। अलीपुर इलाके में भी कई पेड़ उखड़ गए। वहीं शहर के कई इलाकों में जलजमाव देखा गया। इधर, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राजभवन के रैपिड एक्शन फोर्स के साथ चक्रवात ‘रेमल’ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। (Cyclone Remal)

1 लाख से ज्यादा लोगों किया गया शिफ्ट

बता दें कि तूफान आने से पहले पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से करीब 1 लाख 10 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया था। इसमें सबसे ज्यादा लोग साउथ 24 परगना जिले से हैं। साइक्लोन शब्द ग्रीक भाषा के साइक्लोस से लिया गया है, जिसका अर्थ है सांप की कुंडलियां। इसे ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में ट्रोपिकल साइक्लोन समुद्र में कुंडली मारे सांपों की तरह दिखाई देते हैं। साइक्लोन एक गोलाकार तूफान होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं। जब ये साइक्लोन जमीन पर पहुंचते हैं, तो अपने साथ भारी बारिश और तेज हवाएं लेकर आते हैं। ये हवाएं उनके रास्ते में आने वाले पेड़ों, गाड़ियों और कई बार तो घरों को भी तबाह कर सकती हैं। वहीं कई बार इसका खतरनाक असर भी देखने को मिलता है। (Cyclone Remal)

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