राजधानी में मंडरा रहा डेंगू का खतरा, एक महीने में मिले इतने मरीज

रायपुर। छत्तीसगढ़

राजधानी रायपुर में दिन ब दिन डेंगू का खतरा गहराता ही जा रहा है। वहीं डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच शनिवार को एक निजी अस्पताल में डेंगू से एक 13 साल की बच्ची की मौत हो गई। बच्चों की आरडी किट से जांच करने पर इस बच्ची की डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। यह बच्ची रायपुर के उस जगह की रहने वाली थी, जहां पर पिछले एक महीने में डेंगू के 50 मरीज मिल चुके हैं। राजधानी के रामकुंड इलाके में लगातार डेंगू का खतरा बढ़ता जा रहा है।

राजधानी में डेंगू के गहराते संकट से निपटने के लिए एक तरफ जहां नगर निगम अमला फॉगिंग ओर दवा छिड़काव कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिला स्वास्थ्य विभाग ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेकर जांच कराने में जुटा हुआ है। आरडी किट से जांच के साथ एलाइजा टेस्ट के लिए सैंपल मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है।

जिला स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी के सभी 18 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को ओपीडी में आने वाले बुखार से ग्रसित मरीजों का सैंपल कलेक्ट करने निर्देशित किया है। इस वर्ष एक हजार से ज्यादा डेंगू मरीज मिलने की आशंका जाहिर की जा रही है। एक हजार मरीजों के लिए मेडिकेटेड मच्छरदानी की व्यवस्था भी की गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि जिस प्रकार कोरोना की पहचान के लिए रैपिड एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच होती है, उसी प्रकार डेंगू के लिए आरडी किट और एलाइज टेस्ट किया जाता है।

ये इलाके हैं डेंगू के हॉटस्पॉट
राजधानी में अब तक 120 से ज्यादा डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। पहले रामनगर हॉटस्पाट बना हुआ था, लेकि अब कृष्णानगर, गोकुल नगर, रामनगर, पंडरी, चौबे कॉलोनी, रामसागर पारा, राजातालाब, गंजपारा, रामकुंड सितलापारा, रामकुंड, टिकरापारा हनुमान मंदिर समेत शहर के सभी कोनों से मरीज मिल रहे हैं। 11 हजार की आबादी वाले रामनगर में करीब 8 हजार लोगों का आरडी किट से जांच की जा चुकी है।

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