
बलौदाबाजार : किसी भी धर्म में दान करने का अत्यधिक महत्व है।दान से बड़ा कोई पुण्य नहीं माना गया है। दान देने की परंपरा अभी से नहीं बल्कि पौराणिक काल से चली आ रही है।ऐसा माना जाता है कि दान करने से न केवल मन शांत रहता है बल्कि हमारे कई दोष भी समाप्त हो जाते हैं
संसार में हर वस्तु का अपना मूल होता है। संसार में ऐसा कुछ भी नहीं जो व्यर्थ और अर्थहीन हो जो चीज हमारे लिए उपयोगी नहीं है वो किसी दूसरे के लिए अनमोल भी हो सकती है,इस विषय को ध्यान में रखते हुए ग्राम अर्जुनी बलौदाबाजार के जैन बालिकाओं ने अपने अपने घर के वस्तुओं को एक जगह एकत्रित कर उसे जरूरतमंद लोगों को देने का एक सराहना प्रयास किया है,
हमारे देश की विडम्बना :
विडम्बना यह है कि हमारे देश में एक भाग ऐसा है जिसके पास साधनों की कोई कमी नहीं है और उन्हें लगता है कि दुनिया बहुत खूबसूरत और आरामदायक है। वहीं दूसरी तरफ एक भाग ऐसा है, जो दिन-रात इस प्रयास में लगा है कि किसी तरह इन चंद मूलभूत ज़रूरतों को पूरा कर सकें।ऐसे में, जो समर्थ लोग हैं उनकी ज़िम्मेदारी बनती है कि वे किसी ज़रूरतमंद के काम आएं।
इसके लिए बहुत ज्यादा कुछ करने की ज़रूरत नहीं है बल्कि छोटे-छोटे कदम भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं। जैसे कि कपड़े दान करना। जी हाँ, हम सबके पास ऐसे बहुत से कपड़े होते हैं जिन्हें हम कभी नहीं पहनते हैं, सिर्फ अलमारी में जमा करके रखते हैं। यदि इन कपड़ों को हम किसी ज़रूरतमंद तक पहुंचा दें तो यह उनके लिए बहुत बड़ी मदद होगी।
क्या आप जानते हैं :
आप के घर पर पड़ा हुआ कबाड़ आपके जीवन में नकारात्मकता के साथ-साथ दुर्भाग्य और दरिद्रता को भी ला सकता है। भारतीय ज्योतिष शास्त्रों में कूड़े और कबाड़ का संबंध राहू ग्रह से होता है। जिसका घर में पड़ा रहना न केवल आर्थिक हानि देता है अपितु आपके जीवन में दुर्भाग्य भी ला सकता है परंतु यह ही कबाड़ आप किसी को दान देकर अपने दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकते हैं।