Dog Owner News: अगर आप भी है कुत्ता मालिक तो ये खबर आपके लिए, इस वजह से आपको हो सकती है 3 साल तक जेल

Dog Owner News: अगर आपके घर में कुत्ता है, तो ये खबर आपके लिए हैं। दरअसल, दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में पालतू कुत्ता एक शख्स को भौंकाने लगा। इस पर 63 साल के व्यक्ति ने कुत्ते का पूंछ पकड़ कर उसे पटक दिया। गुस्साए कुत्ते ने उसे काट लिया। इस पर उस व्यक्ति ने कुत्ते को रॉड से मारा। जब कुत्ते के मालिक ने विरोध किया तो उन्हें भी बुरी तरह पीटा। इसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना 3 दिन पहले की है। मामले में IPC और प्रीवेंशन ऑफ क्रूयल्टी टू एनिमल्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। कुत्ते के काटने और पशुओं के प्रति क्रूरता के मामले सिर्फ दिल्ली ही नहीं, देश के अलग-अलग शहरों में देखने को मिलते हैं। इन मामलों में सजा के प्रावधान हैं।

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बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट में वकील ने कहा कि कुत्ते के मालिक के खिलाफ पालतू जीव को ध्यान से नहीं रखना के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। वहीं  किसी जानवर के माध्यम से अगर चोट पहुंचाया जाता है तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित किया जा सकता है। यह गैर-जमानती संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। वहीं पशुओं के प्रति क्रूरता दिखाने पर 6 माह की सजा हो सकती है। (Dog Owner News)

सजा के साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान

हाईकोर्ट के वकील ने बताया कि कुत्ते के काटने पर एक मामले में मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया गया और आरोपी को 6 महीने की सजा हुई। एक अन्य मामले में 5 साल के बच्चे को अपने कुत्ते से कटवाना उसके मालिक के लिए महंगा साबित हुआ। कोर्ट ने पीड़ित बच्चे के माता-पिता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आरोपी को धारा 289 में 6 माह का कारावास और 1 हजार रुपए जुर्माने के साथ ही धारा 324 में 2 साल की कैद और 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाकर दंडित किया। एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की गाइडलाइंस के मुताबिक किसी सोसाइटी की लिफ्ट में कुत्ते जा सकते हैं। उन्हें लिफ्ट में जाने से मना नहीं किया जा सकता। कोई लिफ्ट में अपने पेट डॉग को लेकर जाता है तो इसके बदले उससे पैसे भी नहीं लिए जा सकते। (Dog Owner News)

 

गाइडलाइन में कहा गया है कि किसी लिफ्ट में लोग हों और दूसरी लिफ्ट खाली हो तो भी नहीं कह सकते कि कुत्ते को उसमें ले जाएं। केरल में बीते पांच में आठ लाख से अधिक लोगों को कुत्ते ने काटा है। एसोसिएशन फॉर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ रेबीज इन इंडिया के अनुसार, इनमें से सबसे अधिक मामले केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से हैं। इनमें से 42 लोगों की मौत भी हो गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में रेबीज से जितनी मौतें होती हैं उनमें अकेले भारत से 36 प्रतिशत मौतें होती हैं। एसोसिएशन फॉर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ रेबीज इन इंडिया के फाउंडर एमके सुदर्शन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत में हर साल 20 हजार से अधिक लोगों की मौत रेबीज से होती है। दिलचस्प यह है कि बंदर, बिल्ली या किसी दूसरे जानवर के मुकाबले रेबीज से होने वाली मौतों में 99 प्रतिशत कुत्ते के काटने से होती है। (Dog Owner News)

 पुरुषों को ज्यादा निशाना बनाते हैं कुत्ते

जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिटी हेल्थ में छपे एक अध्ययन के मुताबिक महिलाओं की तुलना में 81 प्रतिशत अधिक पुरुषों को कुत्ते काटते हैं। शोध में बताया गया है कि कुत्ते का काटना व्यक्ति की उम्र, जेंडर और उसके व्यवहार पर निर्भर करता है। कुत्ते को देखकर घबराने से उसके काटने का रिस्क बढ़ जाता है। जबकि इसी तरह के एक अध्ययन में बताया गया है कि बिल्ली पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक काटते हैं। रेबीज का वायरस ब्रेन पर सीधे अटैक करता है। इसलिए गुस्से में बड़बड़ाना, घबराहट, बेचैनी, कंफ्यूजन जैसे लक्षण दिखते हैं। कभी-कभी शरीर के एक हिस्से को लकवा मार जाता है। इसके अंतिम फेज में पीड़ित को हाइड्रोफोबिया हो सकता है। हाइड्रोफोबिया में व्यक्ति को पानी से डर लगता है। पानी पीने से ही नहीं, पानी को देखते ही डर लगने लगता है। कई बार पीड़ित को लाइट से भी डर लगता है। व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। बता दें कि कुत्तों के कटान के तुरंत बाद अस्पताल जाना चाहिए, ताकि रेबीज वायरस की चपेट में आने से बच सकें। 

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