Hal Shashthi Vrat: हलषष्ठी व्रत आज, जानिए महत्व और पूजा विधि
Hal Shashthi Vrat: भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलरामजी के जन्मोत्सव के रूप में हलषष्ठी मनाई जाती है। छत्तीसगढ़ में ये त्यौहार कमरछठ के नाम से मनाया जाता है। इस दिन घरों और मंदिरों में तालाब के प्रतिरूप स्वरूप सगरी बनाई जाती है। महिलाएं इकट्ठा होकर पसहर चावल, काशी फूल, महुआ पत्ते, लाई अर्पित कर भगवान शिव और सगरी की पूजा-अर्चना करती हैं। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर अपने बच्चों के स्वास्थ्य, लंबी उम्र और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल षष्ठी का व्रत रखा जाता है। इस साल 2022 में हल षष्ठी का व्रत 17 अगस्त को रखा जाएगा। हल षष्ठी को हलछठ या ललही छठ के रूप में भी मनाया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक हल षष्ठी का व्रत महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। मान्यता ये भी है कि इस व्रत को विधि-विधान से करने पर संतान के जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
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हल षष्ठी का व्रत भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। पंचांग के मुताबिक भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि शुरू 16 अगस्त को रात 8 बजकर 17 मिनट से हो गया है। वहीं षष्ठी तिथि का समापन 17 अगस्त को रात 8 बजकर 24 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि की मान्यता के मुताबिक हलषष्ठी का व्रत 17 अगस्त यानी आज रखा गया है। हल षष्ठी के दिन महिलाएं पवित्र मिट्टी की बेदी बनाकर उसमें गूलर, पलाश और कुश को रखती हैं। इसके बाद विधि-विधान के पूजा की जाती है। इस क्रम में बिन जुते हुए अनाज या खाद्य पदार्थ अर्पित करती हैं। इस व्रत में विशेष रूप से महुआ, भैंस का दूध, फंसही का चावल और उनसे बनी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही महिलाएं इन्हीं चीजों के माध्यम से व्रत पारण करती हैं। (Hal Shashthi Vrat)
क्या है हलषष्ठी व्रत के नियम
हलषष्ठी व्रत के दौरान किसी भी प्रकार का अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। इसके साथ ही इस व्रत की पूजा के दौरान जुते हुए अनाज और सब्जियों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। ऐसे में इस पावन व्रत में तलाब में पैदा होने वाले खाद्य पदार्थ यै बिना जोते गए पैदा होने वाली चीजों का प्रयोग किया जाता है। हल षष्ठी व्रत में विशेष रूप से भैंस के दूध और उससे बनी चीजों का ही इस्तेमाल किया जाता है। (Hal Shashthi Vrat)
मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने दी हलषष्ठी की शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों और विशेषकर सभी माताओं को हलषष्ठी (कमरछट) की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कामना की है कि सभी माताओं की कामना पूरी हो, सभी बच्चे स्वस्थ और खुशहाल रहें। राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी हलषष्ठी (कमरछठ) के अवसर पर प्रदेशवासियों विशेषकर माताओं को हार्दिक शुभकामनाएं दी है। राज्यपाल उइके ने कहा है कि माताएं इस दिन अपने बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करते हुए व्रत रखती हैं। राज्यपाल ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि वे माताओं की मनोकामना पूरी करें। बता दें कि हलषष्ठी (कमरछठ) पूरे प्रदेश में हर्षाेल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन अनेकों पारंपरिक गतिविधियां की जाती हैं। विशेष रूप से छह तरह की भाजियां, पसहर चावल, महुआ के पत्ते, धान की लाई सहित पूजन की सामग्री से पूजा-अर्चना कर माताएं संतान की दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं। (Hal Shashthi Vrat)