गीता प्रेस सिर्फ एक संस्था नहीं, बल्कि जीवंत आस्था है, शताब्दी समारोह में PM मोदी

गोरखपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  का कहना है कि गीताप्रेस (Gita Press Gorakhpur) महज एक संस्था नहीं बल्कि एक जीवंत आस्था है। मोदी ने गीताप्रेस को भारत की एकजुटता को सशक्त करने वाला और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतिनिधित्व करने वाला बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार का उनका गोरखपुर का दौरा ‘विकास भी-विरासत भी’ की नीति का अद्भुत उदाहरण है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गीताप्रेस (Gita Press Gorakhpur) के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘गीताप्रेस अलग-अलग भाषाओं में भारत के मूल चिंतन को जन-जन तक पहुंचाती है। गीताप्रेस एक तरह से ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतिनिधित्व करती है।

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उन्‍होंने कहा,’गीताप्रेस विश्व का ऐसा इकलौता प्रिंटिंग प्रेस है, जो सिर्फ एक संस्था नहीं है बल्कि, एक जीवंत आस्था है। गीताप्रेस का कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए किसी भी मंदिर से जरा भी कम नहीं है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि गीताप्रेस जैसी संस्‍था सिर्फ धर्म और कर्म से ही नहीं जुड़ी है, बल्कि इसका एक राष्ट्रीय चरित्र भी है । गीताप्रेस भारत को जोड़ती है, भारत की एकजुटता को सशक्त करती हैं।

उन्होंने कहा, ‘इसके नाम में भी गीता है, इसके काम में भी गीता हैं । जहां गीता है वहां साक्षात कृष्ण हैं। जहां कृष्‍ण हैं वहां करूणा भी है, कर्म भी हैं।’ उन्‍होंने कहा, ‘1923 में गीताप्रेस के रूप में यहां जो आध्यात्मिक ज्योति प्रज्वलित हुई, आज उसका प्रकाश पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रहा है। हमारा सौभाग्य है कि हम सभी इस मानवीय मिशन की स्‍वर्ण शताब्‍दी के साक्षी बन रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘इस ऐतिहासिक अवसर पर ही हमारी सरकार ने गीताप्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिया है। गांधी जी का गीताप्रेस से आध्यात्मिक जुड़़ाव था। गांधी जी ने सुझाव दिया था कि कल्याण पत्रिका में विज्ञापन न छापे जायें, कल्याण पत्रिका आज भी गांधी जी के उस सुझाव का शत प्रतिशत अनुसरण कर रही है।’

उन्‍होंने कहा कि सौ साल का पहले का ऐसा समय जब सदियों की गुलामी ने भारत की चेतना को धूमिल कर दिया था। अंग्रेजों के दौर में गुरुकुल परंपरा लगभग नष्ट कर दिए गए। ऐसे में स्वाभाविक था कि ज्ञान और विरासत लुप्त होने के कगार पर थे। हमारे पूज्य ग्रंथ गायब होने लगे थे। जो प्रिंटिंग प्रेस भारत में थे वह महंगी कीमत के कारण सामान्य आदमी की पहुंच से दूर थे और कल्पना करिए क‍ि गीता और रामायण के बिना हमारा समाज कैसे चला रहा होगा।

उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गीता प्रेस (Gita Press Gorakhpur) अपनी 100 वर्ष की शानदार यात्रा लेकर आगे बढ़ा है. इस 100 वर्षों की शानदार यात्रा में विगत 75 वर्षों में कोई प्रधानमंत्री आज तक गीता प्रेस में नहीं आया, क्योंकि गीता प्रेस भारत की मूल आत्मा को जागृत करने का काम किया है. 2021 के गांधी शांति पुरुस्कार के योगदान को सम्मानित करने का कार्य किया.

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