फिर नाराज हुए CM भूपेश बघेल, इस वजह से जताई गहरी नाराजगी

CM Got Angry Again: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अवैध निर्माण के नियमितिकरण के प्रकरणों के निराकरण में विलंब पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कलेक्टरों को प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए यह नियम लाया गया है। राज्य सरकार ने लोगों को अवैध निर्माण के नियमितिकरण कराने का मौका दिया है। इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिलना चाहिए।

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मुख्यमंत्री ने कहा है कि इसका जनता के बीच व्यापक प्रचार प्रसार करें। मुख्यमंत्री ने इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता से करने के निर्देश देते हुए कहा है कि वे स्वयं प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री ने अवैध निर्माण के नियमितीकरण के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने और कैंम्प लगाने के निर्देश दिए हैं। अपर संचालक, नगर और ग्राम निवेश रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार आवासीय समेत गैर आवासीय अनधिकृत निर्माण के नियमितिकरण के लिए छत्तीसगढ़ राज्य शासन के द्वारा प्रदेश में 14 जुलाई से छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण संशोधन अधिनियम 2022 और नियम 2022 प्रभावशील किया गया था। (CM Got Angry Again)

इसमें 14 जुलाई तक अस्तित्व में आए आवासीय और गैर आवासीय समेत भूमि उपयोग का परिवर्तन कर किए गए, अनधिकृत निर्माण का नियमितिकरण किया जाना है। छत्तीसगढ़ विधान सभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम-64 के उपबंधों के पालन में छत्तीसगढ़ अनधिकृत निर्माण के नियमितिकरण (संशोधन) विधेयक 2022 को 04 जनवरी 2023 को पुर्नस्थापित किया गया। प्रकरण के निराकरण के लिए जिला नियमितिकरण प्राधिकारी का गठन किया गया है। जिसमें कलेक्टर रायपुर को अध्यक्ष और सदस्यों में जिला पुलिस अधीक्षक, संबंधित नगरीय निकाय, जिनके क्षेत्र का प्रकरण होगा या आयुक्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, संबंधित विकास प्राधिकरण, जिनके क्षेत्र का होगा। (CM Got Angry Again)

मुख्य कार्यपालन अधिकारी-नगर और ग्राम निवेश विभाग के प्रभारी अधिकारी को सदस्य सचिव नियुक्ति किया गया है। इस अधिनियम नियम के तहत अनधिकृत विकास करने वाले व्यक्तियों से निर्धारित प्रारूप में आवश्यक दस्तावेजों के साथ 14 जुलाई 2023 तक 01 साल के नियमितिकरण के लिए आवेदन पत्र प्राप्त किए जाएंगे। इस अवधि में 30 दिन की बढ़ोतरी करने का अधिकार जिला कलेक्टर को दिए गए हैं। आवेदन पत्र की प्राप्ति के लिए नगर पालिक निगम, नगर पालिका परिषद् और नगर पंचायत क्षेत्र में मुख्य नगर पालिका अधिकारी समेत निवेश क्षेत्र के भीतर लेकिन स्थानीय निकाय के बाहर संयुक्त संचालक, नगर और ग्राम निवेश कार्यालय रायपुर अधिकृत किए गए हैं। (CM Got Angry Again)

नगरीय निकाय क्षेत्र के अंतर्गत स्थानीय निकाय के द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों को निर्धारित आवक पंजी में दर्ज कर, स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन, शास्ति की गणना, कर्मकार शुल्क की गणना की जाकर संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के माध्यम से नियमितिकरण प्राधिकारियों की गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाकर निराकरण किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक रायपुर निवेश क्षेत्रांतर्गत कुल 549 आवेदन प्राप्त किए गए है, जिसमें 396 आवासीय एवं 153 गैर आवासीय प्रकरण है। नियमितिकरण प्राधिकारियों की गठित समिति द्वारा अब तक 2 बैठक संचालित की गई है।

कुल प्राप्त आवेदनों में से 35 प्रकरणों में मांग पत्र जारी किए जा चुके हैं, जिसके अनुसार 10 प्रकरणों में शास्ति राशि प्राप्त होने के बाद कुल 27 प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की गई है। कुल 549 प्रकरणों में अनुमानित शास्ति अधिरोपित राशि 4,28,46,696.33 रूपए (चार करोड़ अट्ठाईस लाख छियालिस हजार छह सौ छियान्वे रूपए) मात्र है, जिसमें से दिनांक 17 जनवरी 2023 की स्थिति में शास्ति जमा राशि 27,46,522.85 रूपए (सत्ताईस लाख छियालिस हजार पांच सौ बाईस रूपए) मात्र प्राप्त की गई है। प्रकरणों के निराकरण हेतु मापदंड निर्धारित है। इनमें आवासीय प्रयोजन के लिए अनधिकृत निर्माण में 120 वर्गमीटर क्षेत्रफल के भूखंड पर निर्मित भवनों पर कोई शास्ति शमन शुल्क नहीं लिया जाएगा। (CM Got Angry Again)

120 वर्गमीटर से 240 वर्गमीटर क्षेत्रफल के भूखण्डों पर 125/- रू. प्रति वर्गमीटर, 240 से 360 वर्गमीटर तक क्षेत्रफल के भूखण्डों पर 200 रू. प्रति वर्गमीटर और 350 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल के भूखण्डों पर 300 रू. प्रति वर्गमीटर की दर से शास्ति की गणना की जाएगी। व्यावसायिक तथा अन्य गैर आवासीय प्रयोजनों के लिए निर्मित अनधिकृत निर्माण के लिए मापदंड 100 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण के लिए शास्ति भवन अनुज्ञा शुल्क का 16 गुणा शास्ति देय होगी। 100 वर्गमीटर से अधिक किन्तु 200 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण हेतु भवन अनुज्ञा शुल्क का 21 गुणा शास्ति देय होगी। 200 वर्गमीटर से ज्यादा लेकिन 300 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण के लिए भवन अनुज्ञा शुल्क का 26 गुणा शास्ति देय होगी।

300 वर्गमीटर से ज्यादा पर 400 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण के लिए भवन अनुज्ञा शुल्क का 31 गुणा शास्ति देय होगी। 400 वर्गमीटर से ज्यादा लेकिन 500 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण के लिए भवन अनुज्ञा शुल्क का 36 गुणा शास्ति देय होगी। 500 वर्गमीटर से ज्यादा पर 600 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण हेतु भवन अनुज्ञा शुल्क का 41 गुणा शास्ति देय होगी। 600 वर्गमीटर से ज्यादा लेकिन 700 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण के लिए भवन अनुज्ञा शुल्क का 46 गुणा शास्ति देय होगी।

700 वर्गमीटर से अधिक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण के लिए भवन अनुज्ञा शुल्क का 51 गुणा शास्ति देय होगी। भवन अनुज्ञा शुल्क से तात्पर्य भूमि विकास नियम 1984 में निर्धारित शुल्क से है। निर्धारित प्रयोजन से भिन्न भूमि उपयोग परिवर्तन करने पर उस क्षेत्र की भूमि के लिये वर्तमान में प्रचलित कलेक्टर गाइडलाइन दर का 5 प्रतिशत अतिरिक्त शास्ति देय होगी। अगर अनधिकृत विकास, निर्धारित पार्किंग के लिए आरक्षित भूखंड स्थल पर किया गया हो तो नियमितिकरण की अनुमति तभी दी जाएगी, जब आवेदक द्वारा पार्किंग की कमी के लिए निर्धारित अतिरिक्त शास्ति राशि का भुगतान कर दिया गया हो।

1 जनवरी 2011 के पूर्व अस्तित्व में आये अनधिकृत विकास/निर्माण जिनकी भवन अनुज्ञा/विकास अनुज्ञा स्वीकृत हो, अथवा ऐसी अनधिकृत भवन जिसके लिए संबंधित स्थानीय निकाय में शासन द्वारा निर्धारित दर से सम्पत्ति कर का भुगतान किया जा रहा हो, ऐसे भवनों में छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 यी संबंधित विकास योजना के अनुरूप पार्किंग उपलब्ध नहीं है तो 25 प्रतिशत तक पार्किंग हेतु देय शास्ति प्रत्येक कार स्थान के लिए 50 हजार रूपये, 25 प्रतिशत से अधिक और 50 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान के लिए 1 लाख रूपये, 50 प्रतिशत से अधिक और 100 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान के लिए 2 लाख रूपये शास्ति देय होगा। (CM Got Angry Again)

1 जनवरी 2011 या उसके बाद अस्तित्व में आए अनधिकृत विकास/निर्माण जिनकी भवन अनुज्ञा/विकास अनुज्ञा स्वीकृत हो या ऐसी अनधिकृत भवन जिसके लिए संबंधित स्थानीय निकाय में शासन द्वारा निर्धारित दर से संपत्ति कर का भुगतान किया जा रहा हो, ऐसे भवनों में छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 या संबंधित विकास योजना के अनुरूप पार्किंग उपलब्ध नहीं है तो 25 प्रतिशत तक पार्किंग के लिए देय शास्ति प्रत्येक कार स्थान के लिए 50 हजार रूपये, 25 प्रतिशत से अधिक और 50 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान के लिए 1 लाख रूपये शास्ति देय होगा। 50 प्रतिशत से अधिक और 75 प्रतिशत तक प्रत्येक कार स्थान के लिए 2 लाख रूपये शास्ति देय होगा।

शमन योग्य पार्किंग आवासीय अधिभोग में 500 वर्गमीटर तक निर्मित क्षेत्र में पार्किंग के लिए उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल निरंक, 500 वर्गमीटर से अधिक निर्मित क्षेत्र में पार्किंग के लिए उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल 50 प्रतिशत होगा, इसी प्रकार गैर आवासीय अधिभोग में 500 वर्गमीटर तक निर्मित क्षेत्र में पार्किंग के लिए उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल निरंक, 500 वर्गमीटर से अधिक निर्मित क्षेत्र में पार्किंग के लिए उपलब्ध न्यूनतम क्षेत्रफल 50 प्रतिशत होगा। गैर लाभ अर्जन करने वाली सामाजिक संस्थाएं जो लाभ अर्जन के उद्देश्य से स्थापित न की गई हो के अनधिकृत विकास के प्रत्येक प्रकरण में शास्ति प्राक्कलित राशि के 50 प्रतिशत की दर से देय होगा। (CM Got Angry Again)

छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 के नियम 39 में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार मार्ग की चौड़ाई उपलब्ध नहीं होने के कारण स्थल में विद्यमान गतिविधियों में किसी प्रकार का लोकहित प्रभावित न होने की स्थिति में नियमितिकरण किया जा सकेगा। आवेदन पत्र का प्रारूप संलग्न दस्तावेज की जानकारी स्थानीय निकाय और कार्यालय संयुक्त संचालक, नगर और ग्राम निवेश, क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर समेत विभागीय वेबसाइड www.tcp.cg.gov.in से प्राप्त की जा सकती है। (CM Got Angry Again)

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