रायपुर। छत्तीसगढ़
रविवार को पुरे छत्तीसगढ़ में धूमधाम से हरियाली अमावस्या यानी हरेली का त्यौहार मनाया जायेगा। लोक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन घर-घर में गुड़ चीला और सोहारे जैसे पारम्परिक पकवान बनेंगे। हरेली के त्यौहार में पारम्परिक तौर पर औजारों की पूजा की जाती है। पुजा के बाद गांव की गलियों में बच्चों की टोली गेड़ी लेकर निकलेगी। अमावस्या की वजह से सभी शिवालयों और भगवान शिव के मंदिरों में भी विशेष पूजा पाठ होंगे। आज हरियाली अमावस्या के दिन ही भगवान शनिदेव का जन्मदिन भी मनाया जायेगा। इन सब नजरियों से आज हरियाली अमावस्या पर बहुत से शुभ संयोग एक साथ है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ वासियों को मातृभाषा छत्तीसगढ़ी में हरेली त्यौहार की बधाई दी है, “सब्बो भाई-बहिनी अउ महतारी-सियान मन ला हमर पहली तिहार हरेली के अब्बड़ बधाई।
हमर छत्तीसगढ़ महतारी के अंचरा अइसने हरियर रहाय, हमर खेत-खलिहान अउ गोर्रा-गोठान सब भरे भरे रहाय।
जय छत्तीसगढ़। ”
हरियाली अमावस्या क्यों हैं ख़ास
पितृ दोष – आज के दिन अगर आप पितृदोष या फिर ऋण सम्बंधित किसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो बरगद के पेड़ के निचे पितरों के लिए भोजन व जल रखना लाभकारी होता है।
दान – आज के दिन नदी में स्नान करना और दान धर्म करना पुण्य का काम माना जाता है।
भगवान शिव की पूजा – सावन मास की अमावस्या के दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा से मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है।