ISRO ने फिर किया कमाल, 7 सैटेलाइट्स लेकर PSLV-C56 ने भरी उड़ान
नई दिल्ली: भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने रविवार को फिर किया कमाल कर दिखाया। जब देशवासी रविवार को देर तक सो रहे थे तब इसरो का बाहुबली रॉकेट पीठ से 7 सैटेलाइट को बांधकर अंतरिक्ष की ऊंचाई में ले गया। जी हां! आज इसरो ने 7 सैटेलाइट ले जाने वाला PSLV-C56 रॉकेट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) से लॉन्च किया। इस मिशन में रॉकेट कि मदद से सिंगापुर के डीएस-एसआरए सैटेलाइट और अन्य छह सैटेलाइट को लॉन्च किया गया है। इसरो ने बताया कि पीएसएलवी-सी55/टीलियोस-2 के अप्रैल में हुए सफल लॉन्चिंग के बाद इस मिशन को अंजाम दिया गया। इस मिशन से सिंगापुर के लोगों की जरूरतें पूरी होंगी।
#WATCH | Indian Space Research Organisation (ISRO) launches its PSLV-C56 with six co-passenger satellites from Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota.
(Source: ISRO) pic.twitter.com/2I1pNvKvBH
— ANI (@ANI) July 30, 2023
क्या है इस मिशन में?
इसरो ने बताया कि PSLV-C56 रडार अर्थ मैपिंग सैटेलाइट का डीएस-एसएआर प्राथमिक सैटेलाइट है, जिसे पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के इस वाणिज्यिक मिशन में छह अन्य उपग्रहों को भी ऑर्बिट में भेजा गया है। न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड इसरो की वाणिज्यिक इकाई है और सिंगापुर के ग्राहकों के लिए उपग्रह को प्रक्षेपित किया जाएगा। इसरो का मुख्यालय बेंगलुरु में है।
🇮🇳PSLV-C56/🇸🇬DS-SAR Mission:
The mission is successfully accomplished.PSLV-C56 vehicle launched all seven satellites precisely into their intended orbits. 🎯
Thanks to @NSIL_India and Singapore, for the contract.
— ISRO (@isro) July 30, 2023
इसमें इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) पेलोड है, जो सभी मौसम में तस्वीरें लेने में सक्षम है। वहीं, वेलोक्स एएम सूक्ष्म उपग्रह है। एटमास्फेरिक कपलिंग एंड डायनामिक्स एक्सप्लोलर (आर्केड) प्रायोगिक उपग्रह है। स्कूब- ढ्ढढ्ढ नैनो उपग्रह है। गेलेसिया- 2 पृथ्वी की निचली कक्षा में परिक्रमा करेगा। ISRO
अंतरराष्ट्रीय सहयोग के तहत विकसित किया गया ओआरबी- 12 स्ट्राइडर
ओआरबी- 12 स्ट्राइडर को अंतरराष्ट्रीय सहयोग के तहत विकसित किया गया है। वेलोक्स एएम, आर्केड, स्कूब- ढ्ढढ्ढ को रिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने विकसित किया है। नूलियोन नुस्पेस पीटीई लि. से संबंधित है। गेलेसिया- 2 को नेशनल यूनिवर्सिटी आफ सिंगापुर ने और ओआरबी- 12 स्ट्राइडर को अलीएना पीटीई लिमिटेड, सिंगापुर ने विकसित किया है। ISRO