Karnataka Results: CM बोम्मई ने मानी हार, कहा- कोशिशों के बावजूद नहीं मिली कामयाबी

बजरंग बली को चुनावी मुद्दा बनाने का खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ा

Karnataka Results: कर्नाटक में कांग्रेस को मिली भारी जीत के बाद मुख्यमंत्री बासव राज बोम्मई ने हार स्वीकार कर ली है। बोम्मई ने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा की गई कोशिशों के बावजूद हम जीत हासिल नहीं कर पाए।

बोम्मई ने आगे कहा कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी कमबैक करेगी। उन्होंने कहा कि हम मंजिल तक नहीं पहुंच पाए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे परिणाम आने के बाद पार्टी विश्लेषण करेगी और एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में हम विभिन्न स्तरों पर अपनी कमियों को देखेंगे उसमें सुधार करेंगे।

कांग्रेस ने कहा Bajrang Bali ने BJP पर पहली बार नहीं चलाई है गदा

कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार दर्शा रही है कि भाजपा अपनी राज्य सरकार की उपलब्धियां लोगों के बीच पहुँचा नहीं पाई जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ा है। कर्नाटक में भाजपा शुरुआत से गलती पर गलती करती चली जा रही थी। उसने उत्तर और पश्चिम के अपने हिट फॉर्मूलों को दक्षिण में भी आजमान चाहा लेकिन नाकामयाबी हासिल हुई। भाजपा को बड़ी संख्या में अपने विधायकों के टिकट काटना भारी पड़ गया। साथ ही जो नेता असंतुष्ट हो गये थे उन्हें अंतिम क्षण तक मनाने के प्रयास भी सफल नहीं हुए। इसके अलावा भाजपा ने मुद्दों के चयन में बहुत गड़बड़ियां कीं। कर्नाटक में स्थानीय मुद्दों को आगे रखकर सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने का निर्णय भाजपा को भारी पड़ गया। Karnataka Results

इसके अलावा कांग्रेस ने जब अपने घोषणापत्र में पीएफआई और बजरंग दल पर प्रतिबंध की बात कही तो भाजपा ने बजरंग दल को बजरंग बली से जोड़कर गलती कर दी। भाजपा बजरंग दल को बजरंग बली से जोड़कर राज्य भर में हनुमान चालीसा का पाठ करती रही लेकिन कांग्रेस यह विश्वास दिलाने में सफल रही कि वह भी बजरंग बली की भक्त है लेकिन बजरंग बली और बजरंग दल में अंतर है। कांग्रेस ने हनुमान चालीसा का सार्वजनिक पाठ करने के आयोजन तो नहीं किये लेकिन उसके नेता लगातार हनुमान मंदिर जाकर सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर आगे बढ़ते रहे। दूसरा जब भाजपा ने बजरंग बली को मुद्दा बनाया तो एक पक्ष का ध्रुवीकरण पूरी तरह कांग्रेस के पक्ष में हो गया जिसका खामियाजा भाजपा के अलावा जनता दल सेक्युलर को भी उठाना पड़ा है।

वैसे यह पहली बार नहीं है कि जब बजरंग बली को चुनावी मुद्दा बनाने का खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ा है। 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हनुमानजी को दलित बता दिया था जिस पर खूब हंगामा हुआ था। बाद में योगी ने कहा कि हनुमानजी वनवासी और वंचित थे। इस बयान पर भी खूब हंगामा हुआ और मंदिरों के पुजारियों से लेकर कई धार्मिक-सामाजिक संगठनों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। राजस्थान विधानसभा चुनावों के परिणाम जब आये तो कांग्रेस को जीत मिली थी। Karnataka Results

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