राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा ने करोड़ों लोगों को एक सूत्र में बांधा: PM मोदी

Mann Ki Baat @109: PM नरेंद्र मोदी ने रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ के 109वें कड़ी को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने गणतंत्र दिवस और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समेत कई मुद्दों पर बात की। PM मोदी ने कहा कि दो दिन पहले हम सभी देशवासियों ने 75वां गणतंत्र दिवस बहुत धूमधाम से मनाया है। इस साल हमारे संविधान के भी 75 साल पूरे हो रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट के भी 75 साल हो रहे हैं। हमारे लोकतंत्र का ये पर्व मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में भारत को और सशक्त बनाते हैं।

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PM ने कहा कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर ने देश के करोड़ों लोगों को मानो एक सूत्र में बांध दिया है। सबकी भावना एक, सबकी भक्ति एक, सबकी बातों में राम, सबके हृदय में राम। देश के अनेकों लोगों ने इस दौरान राम भजन गाकर उन्हें श्रीराम के चरणों में समर्पित किया। 22 जनवरी की शाम को पूरे देश ने रामज्योति जलाई, दिवाली मनाई। प्रभु राम का शासन, हमारे संविधान निर्माताओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत था और इसलिए 22 जनवरी को अयोध्या में मैंने ‘देव से देश’ की बात की थी, ‘राम से राष्ट्र’ की बात की थी। (Mann Ki Baat @109)

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस बार 26 जनवरी की परेड बहुत ही अद्भुत रही, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा परेड में नारी शक्ति को देखकर हुई, जब कर्त्तव्य पथ पर, केंद्रीय सुरक्षा बलों और दिल्ली पुलिस की महिला टुकड़ियों ने कदमताल शुरू किया, तो सभी गर्व से भर उठे। इस बार 13 महिला एथलीट्स को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इन महिला एथलीट्स ने कई बड़े टूर्नामेंट्स में हिस्सा लिया और भारत का परचम लहराया। बदलते हुए भारत में हर क्षेत्र में हमारी बेटियां, देश की महिलाएं कमाल करके दिखा रही हैं। (Mann Ki Baat @109)

उन्होंने कहा कि एक और क्षेत्र है, जहां महिलाओं ने अपना परचम लहराया है, वो है – स्वयं सहायता समूह। आज महिला स्वयं सहायता समूह की देश में संख्या भी बढ़ी है और उनके काम करने के दायरे का भी बहुत विस्तार हुआ है। वो दिन दूर नहीं, जब आपको गांव-गांव में, खेतों में, नमो ड्रोन दीदियां ड्रोन के माध्यम से खेती में मदद करती हुई दिखाई देंगी। इस बार भी ऐसे कई देशवासियों को पद्म सम्मान दिया गया है, जिन्होंने जमीन से जुड़कर समाज में बड़े-बड़े बदलाव लाने का काम किया है। इन प्रेरणादायक लोगों की जीवन-यात्रा के बारे में जानने को लेकर देश-भर में बहुत उत्सुकता दिखी है। (Mann Ki Baat @109)

प्रधानमंत्री ने कहा कि मीडिया की हेडलाइन्स से दूर, अखबारों के फ्रांट पेज से दूर, ये लोग बिना किसी लाइम लाइट के समाज सेवा में जुटे थे। इस बार 2014 की तुलना में 28 गुना ज्यादा नामांकन प्राप्त हुए हैं। हमारे बीच ही कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो जीवन के अंत के बाद भी समाज जीवन के प्रति अपने दायित्वों को निभाते हैं और इसके लिए उनका माध्यम होता है- अंगदान। हाल के सालों में देश में एक हजार से अधिक लोग ऐसे रहे हैं, जिन्होंने अपनी मृत्यु के बाद अपने अंगों का दान कर दिया। ये निर्णय आसान नहीं होता, लेकिन ये निर्णय कई जिंदगियों को बचाने वाला होता है । (Mann Ki Baat @109)

PM मोदी ने कहा कि आज देश में बहुत से संगठन भी इस दिशा में बहुत प्रेरक प्रयास कर रहे हैं। आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा से जुड़े डेटा और शब्दावली का वर्गीकरण किया है, इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मदद की है। दोनों के प्रयासों से आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा में बीमारी और इलाज से जुड़ी शब्दावली की कोडिंग कर दी गई है। इस कोडिंग की मदद से अब सभी डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन या अपनी पर्ची पर एक जैसी भाषा लिखेंगे। इसका एक फायदा ये होगा कि अगर आप वो पर्ची लेकर दूसरे डॉक्टर के पास जाएंगे तो डॉक्टर को इसकी पूरी जानकारी उस पर्ची से ही मिल जाएगी। (Mann Ki Baat @109)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यानुंग अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली हैं और हर्बल औषधीय विशेषज्ञ हैं। इन्होंने आदि जनजाति की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को पुनर्जीवित करने के लिए काफी काम किया है। इस योगदान के लिए उन्हें इस बार पद्म सम्मान भी दिया गया है। इस बार छत्तीसगढ़ के हेमचंद मांझी को भी पद्म सम्मान मिला है। वैद्यराज हेमचंद मांझी भी आयुष चिकित्सा पद्धति की मदद से लोगों का इलाज करते हैं। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में गरीब मरीजों की सेवा करते हुए उन्हें 5 दशक से ज्यादा का समय हो रहा है। (Mann Ki Baat @109)

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