सिक्किम में कुदरत का कहर जारी, अब तक 19 की मौत, 7 हजार लोग फंसे

Sikkim Cloud Burst Update: सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में लापता भारतीय सेना के जवानों की तलाश जारी है। इस बीच भारतीय सेना उत्तरी सिक्किम में फंसे नागरिकों और पर्यटकों को भोजन, चिकित्सा सहायता और संचार सुविधाओं के विस्तार में सहायता दे रही है। बता दें कि बादल फटने की घटना में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 26 घायल हैं। 103 लोग अब भी लापता हैं, जिसमें सेना के 22 जवान भी शामिल हैं। सिक्किम के मुख्य सचिव विजय भूषण ने बताया कि बाढ़ के चलते अभी 7 हजार लोग फंसे हुए हैं, जिसमें लाचेन और लाचुंग में लगभग 3 हजार लोग फंसे हुए हैं। 700-800 ड्राइवर भी वहां अटके हैं।

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बता दें कि 3150 लोग बाइक से पहुंचे थे जो वहां फंस गए हैं। सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से सभी को निकाला जाएगा। बाढ़ के हालात देखते हुए शिक्षा विभाग ने 15 अक्टूबर तक सभी स्कूल बंद करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने पहले 8 अक्टूबर तक ही बंद करने की बात कही थी। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि नेपाल में आए भूकंप से सिक्किम की ल्होनक झील टूटी। उसका दायरा एक तिहाई रह गया। जब बादल फटा तो झील इतना पानी रोक नहीं पाई। इससे तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई। नदी का जलस्तर 15 से 20 फीट तक बढ़ गया। नदी से लगे इलाके में ही आर्मी कैंप था, जो बाढ़ में बह गया और यहां खड़ी 41 गाड़ियां डूब गईं। (Sikkim Cloud Burst Update)

13 हजार करोड़ रुपए की तीस्ता-3 पनबिजली परियोजना का 60 मीटर ऊंचा बांध लहोनक झील से आई बाढ़ से पूरी तरह बह गया है। शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने दो साल पहले चेतावनी दी थी कि सिक्किम में दक्षिण झील भविष्य में फट सकती है और निचले क्षेत्र को तबाह कर सकती है। इस बीच राज्य सरकार ने स्थानीय आबादी को तीस्ता बेसिन के किनारे पाए जाने वाले संभावित विस्फोटकों और गोला-बारूद को लेकर अगाह किया है। इस चेतावनी में कहा गया है कि इन गोला-बारूद से दूर रहे। इनमें विस्फोट हो सकता है। ऐसे उपकरण दिखने पर तत्काल सूचना दें। बता दें कि 3 अक्टूबर को बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। (Sikkim Cloud Burst Update)

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