National Conference: मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ मॉडल पर प्रस्तुतिकरण, नीति आयोग ने की सराहना

National Conference: हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 15 से 17 जून तक आयोजित मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने छत्तीसगढ़ मॉडल के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने शिक्षा, कृषि और नगरीय विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल के बारे में विस्तार से बताया। ये सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।

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बता दें कि छत्तीसगढ़ मॉडल की नीति आयोग ने भी सराहना की है। मुख्य सचिव जैन ने छत्तीसगढ़ मॉडल के तहत राज्य के शिक्षा, कृषि और नगरीय विकास की योजनाओं, नवाचारों और इनके क्रियान्वयन से हो रहे परिणाममूलक बदलावों के विषय में जानकारी दी। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादन आयुक्त कमलप्रीत सिंह, नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव एस. भारतीदासन, कलेक्टर दंतेवाड़ा दीपक सोनी, गरियाबंद कलेक्टर प्रभात मलिक भी मुख्य सचिव के साथ थे। (National Conference)

‘श्रेष्ठ अफसरों की नियुक्ति देनी होगी’

मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आकांक्षी जिलों को इंस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट के रूप में विकसित करना होगा। आकांक्षी जिला कार्यक्रम के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इसे जिला स्तर से आगे बढ़ाते हुए शहर और ब्लॉक स्तर तक लेकर जाना होगा। प्रधानमंत्री ने धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में चल रहे सम्मेलन में कहा कि देश के श्रेष्ठ युवा अफसरों को इन आकांक्षी जिलों में नियुक्ति देनी होगी, ताकि वे वहां अपनी रचनात्मक सोच और नए विचारों के बलबूते इस कार्यक्रम को सफल बना सकें। शिक्षा प्रणाली में सुधार को लेकर उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक और मोबाइल लर्निंग एप्स से शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को मजबूत किया जा सकता है। (National Conference)

200 से ज्यादा लोग रहे उपस्थित

PM मोदी ने कहा था कि अवॉर्ड जीत चुके सेवानिवृत्त शिक्षक अपना योगदान दें। उन्हें स्कूलों में आना चाहिए और सेवारत शिक्षकों को प्रशिक्षित करने में योगदान देना चाहिए। शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए विशेष टीवी चैनल शुरू किए जा सकते हैं। उन्होंने 2022-23 के बजट का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सरकार ने 200 ऐसे टेलीविजन चैनल शुरू करने की घोषणा की थी, जिनसे देश के दुर्गम क्षेत्रों में भी गुणवत्ता युक्त शिक्षा मुहैया करवाई जा सके। प्रधानमंत्री ने फसल विविधिकरण और कृषि वस्तुओं में आत्मनिर्भरता विषय पर भी मुख्य सचिवों और अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। सम्मेलन में केंद्र सरकार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों समेत विषयगत क्षेत्र के विशेषज्ञों का प्रतिनिधित्व करने वाले 200 से ज्यादा लोग उपस्थित रहे। (National Conference)

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