नेहरू ने सरदार पटेल से कहा था चीन पर मत करो शक : विदेश मंत्री जयशंकर

EAM S Jaishankar on Indo-China Border: कच्‍चातिवु द्वीप को श्रीलंका को सौंपने को लेकर उठा विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि चीन और पाकिस्‍तान को लेकर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा अपनाई गई नीतियों की आलोचना भी शुरू हो गई है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि गुलाम कश्‍मीर (Pok) और चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र के कुछ हिस्‍सों पर कब्‍जे जैसी समस्‍याओं के लिए अतीत की गलतियां जिम्‍मेदार हैं. बता दें कि वर्ष 1974 में एक समझौते के तहत कच्‍चातिवु द्वीप पर श्रीलंका के अधिकार को स्‍वीकार कर लिया गया था.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधा और दावा किया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) तथा चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर कब्जे जैसी समस्याओं के लिए अतीत की गलतियां जिम्मेदार हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता की पेशकश किये जाने के समय के इसके रुख का जिक्र करते हुए जयशंकर ने दावा किया कि एक समय था जब देश के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू ने कहा था- भारत बाद में, चीन पहले. (EAM S Jaishankar on Indo-China Border)

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गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री को संबोधित करते हुए जयशंकर इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या भारत को पीओके और चीन द्वारा कब्जाए गए भारतीय क्षेत्रों की स्थिति के साथ सामंजस्य बिठाना चाहिए या इन्हें वापस पाने के लिए प्रयास करना चाहिए. गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से भाजपा नेता कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका को सौंपे जाने के मुद्दे पर नेहरू और इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर निशाना साध रहे हैं.

जयशंकर ने कहा, ‘1950 में (तत्कालीन गृह मंत्री) सरदार पटेल ने नेहरू को चीन के प्रति आगाह किया था. पटेल ने नेहरू से कहा था कि आज पहली बार हम दो मोर्चों (पाकिस्तान और चीन) पर ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, जिसका सामना भारत ने पहले कभी नहीं किया था. पटेल ने नेहरू से यह भी कहा था कि वह चीन की बातों पर विश्वास नहीं करते, क्योंकि उनके इरादे कुछ और ही प्रतीत होते हैं और हमें सावधानी बरतनी चाहिए.’ मंत्री ने कहा, ‘नेहरू ने पटेल को उत्तर दिया था कि आप अनावश्यक रूप से चीन पर संदेह करते हैं. नेहरू ने यह भी कहा था कि हिमालय से हम पर हमला करना किसी के लिए भी असंभव है। नेहरू इसे (चीनी खतरे को) पूरी तरह से खारिज कर रहे थे. (EAM S Jaishankar on Indo-China Border)

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