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नववर्ष 2022 : स्वदेशी अपनाएंगे तो बढ़ेगा रोजगार, देश में आयेगी खुशहाली, जानें कैसे अपनायें स्वदेशी : मेलाराम साहू

न्यूज डेस्क : जनपद पंचायत कसडोल के सभापति मेलाराम साहू ने कहा, स्वदेशी वस्तुओं पर विश्वास बढ़ा, कोरोना काल के दौरान हम सभी ने अपनी संस्कृति और संस्कारों के महत्व पुन: जाना है। आज देश की सरकार के साथ-साथ आम जन ने भी स्वदेशी वस्तुओं को महत्व समझ लिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर बॉयकॉट मेड इन चाइना के समर्थन में हजारों युवा आगे आए हैं। विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने से पूर्व स्वदेश में निर्मित वस्तुओं के प्रति निष्ठा और विश्वास की आवश्यकता है।

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मेलाराम साहू ने आमजनता से अपील करते हुए कहा, आज सभी प्रण लें कि सदैव देशी उत्पादों का ही प्रयोग करेंगे तभी चाइना उत्पादों को हम देश से बाहर निकाल सकते है तथा स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा दे सकते है। स्वदेशी उत्पादकों को अनुदान दिया जाए। स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार को इनके उत्पादकों को अनुदान देने के साथ-साथ व्यापक प्रचार-प्रसार में मदद करनी होगी। इससे आम जनता को ऐसी वस्तुओं की उपयोगिता का ख्याल आएगा। वहीं अपेक्षाकृत सस्ती होने से उनकी बिक्री बढ़ेगी। युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर राष्ट्र की समृद्धि में सहायक बना सकते हैं।

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स्वदेशी वस्तुओं को ऐसे दे सकते हैं बढ़ावा

  1.  हमारे देश की महिलाओं के हाथ के बने हुए, सूत कताई लकड़ी के खिलौने, हैंडबैग, सजावट की सामान, ग्रीटिंग कार्ड, सुगंधित मोमबत्ती, हस्त निर्मित घड़ी, मिट्टी के सामान, मूर्तियां, पर्दे, खाने की वस्तु आदि को खरीदें। इससे उन्हें रोजगार में मदद मिलेगी।
  2.  हमारे देश के गांव में कई प्रकार की कलाएं छुपी हुई है जिनका सम्मान आज के समय में विदेशों में बहुत ज्यादा होने लगा है। क्योंकि भारत देश के नागरिक ऐसी कलाओं को अधिक महत्व नहीं देते हैं। यदि हम अपने देश के कारीगरों की कला का सम्मान करने लगे तो शायद हमारे देश का कोई भी व्यक्ति कभी भूखा नहीं मरेगा।
  3.  भारत में ऐसे बहुत से कारीगर हैं जिनके द्वारा बेहद कमाल के उत्पाद बनाए जाते हैं परंतु विदेशी वस्तुओं की इस्तेमाल की वजह से उनके उस उत्पाद का मूल्य गिर जाता है। यदि हम उनके बनाए हुए उत्पादों का इस्तेमाल करने लगेंगे तो ऐसे मजदूरों को भी आत्मनिर्भर होकर बेहतर जिंदगी जीने का हक प्राप्त हो सकेगा।
  4.  भारत में लाखों छोटे-छोटे स्वदेशी उद्योग हैं, जो विदेशी कंपनियों से टक्कर ले रहे हैं, हमारा कर्तव्य है कि हम उनका मनोबल बढ़ाएं और उनके गुणवत्ता वाले स्वदेशी सामानों को प्राथमिकता दें।

तो इस नएवर्ष पर हम सब मिलकर यह प्रयास अवश्य करें। नववर्ष की कोटिशः बधाई।

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