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नववर्ष 2022 : हम फिर मुस्तैदी से लड़कर वैश्विक महामारी के महायुद्ध में विजयी होंगे : प्रोफेसर घनाराम साहू

न्यूज डेस्क : प्रोफ़ेसर घनाराम साहू ने कहा, विगत दो वर्षों में विश्व मानव जितना दहशत में रहा है, उतना शायद दोनों विश्व युध्द के दौर में नहीं रहे होंगे। औचक लॉक डाउन से भारत की सड़कों में सैंकड़ों मिल की पैदल यात्रा कर अपने घर पहुंचने संघर्ष करते कराहते मजदूरों को देखा है। ऑक्सीजन और दवाइयों के अभाव में अस्पतालों / दवाइयों की दुकानों के बाहर मानवता को दम तोड़ते देखा है और धन पिपासुओं को दवाइयों और ऑक्सीजन का ब्लैक मार्केटिंड करते हुए भी देखा और बर्दास्त किया है। शायद विश्व मानव इतना लाचार कभी नहीं रहा है।

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प्रोफ़ेसर साहू ने कहा कि, इसी वर्ष में तीन कृषि कानून को संसद में हो-हंगामा के बीच पारित होते और विरोध में कुछ किसान संगठनों के ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन को भी देखा है। साथ ही सरकार को बाध्य होकर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेते भी देखा है। इस सदी के भयानक दैत्य रूपी कोरोना संक्रमण के बीच पश्चिम बंगाल और बिहार के चुनाव में नेताओं की सभा में कोरोना गाइड लाइन को तोड़कर उमड़ते भीड़ को देखा है लेकिन किसी गणमान्य नेता को उमड़ती भीड़ को रोकने की अपील करते नहीं देखा। हम लोगों के व्यवहार में विचित्रता है, आकस्मिक विपदा आने पर भयभीत होकर दुबक जाते हैं और संकट टलते देख उन्मादी होकर अदृश्य हो सिर पर मंडराती मौत को चुनौती देने लग जाते हैं।

प्रोफ़ेसर घनाराम साहू ने आगे कहा, पिछले दो वर्षों में हमारे नौनिहालों के जीवन में आई नकारात्मक बदलाव और बड़ों की बेकामी में उपजे अवसाद से लोगों के बिगड़ते बोल ने अशांति का वातावरण बना दिया है। 2021 के अंत में रायपुर में अनचाही घटना घट ही गई । धर्म संसद के नाम पर एकत्र हुए लोगों में से एक कथित धर्माचार्य के बिगड़े बोल ने पूज्य बापू को भी नहीं छोड़ा। महात्मा गांधी का जीवन पूरी दुनिया के लिए अध्ययन और कौतूहल का विषय रहा है। डेढ़ सौ वर्षों से गुलाम भारत में जन्में इस साधारण मनुष्य ने विश्व सम्राट को निहत्थे ललकारने का अद्भुत काम किया था, वह भी सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के बल पर। सचमुच में विश्वमंच में उनका अनूठा प्रयोग था, जिसने सम्राट को झुकने बाध्य कर दिया था। ऐसे महान व्यक्ति के लिए एक अदना सा सिरफिरे आदमी ने संत का चोला ओढ़कर अपशब्द कहे, जिसे दुनिया का कोई भी सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकता है।

उन्होंने आगे कहा, 2022 में भी मायावी, बहुरूपिया कोरोना वायरस ने मनुष्यों को डराने प्रयासरत है लेकिन पिछले वर्षों के अनुभव से लड़ना सीख लिए हैं इसलिए आशा है कि हम मुस्तैदी से लड़कर महायुद्ध में विजयी होंगे। मेरा सभी से आग्रह है कि घर से बाहर तभी निकलें, जब अत्यावश्यक हो, सार्वजनिक स्थलों में मास्क का उपयोग करें, सभा- सम्मेलनों के नाम पर अनियंत्रित भीड़ न जुटने दें और सबसे बड़ी बात आहार पर विशेष ध्यान रखें, जिससे पाचन तंत्र दुरुस्त रहे।

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