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नववर्ष 2022 : जीवन का आधार युवावस्था, यह होता हैं अनमोल समय : टेसूलाल धुरंधर

न्यूज डेस्क : वरिष्ठ शिक्षक एवं समाजसेवी टेसूलाल धुरंधर ने कहा, युवावस्था जीवन का मूल आधार होता है यह एक ऐसी अवस्था है जो प्रत्येक मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण होता है। सामान्यतः 18 से 30 के उम्र को युवावस्था के रूप में लिया जाता है। यह वही उम्र है जिसमें पूरी जिंदगी की मजबूत बुनियाद बनती है।

उम्र के इस पड़ाव में ही युवक–युवती अपनी एक काल्पनिक दुनिया बनाकर खोए रहते हैं और जीवन के अनमोल समय को नष्ट करने के साथ ही अपनी शारीरिक उर्जा का दुरुपयोग भी करते हैं। वहीं अनुभव की कमी व नासमझी के चलते कुछ ऐसा वैसा कदम भी उठा लेते हैं जिसके कारण घर व बाहर समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है।

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वरिष्ठ शिक्षक टेसूलाल धुरंधर ने आगे कहा, इन समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक है कि वे हमेशा अच्छा सकारात्मक सोंच को महत्व दें और हमारे देश के महान पुरुषों के जीवन की प्रेरणादायी बातों को आत्मसात कर अपने जीवन को खुशहाल बनाने के लिए एकाग्र मन व समर्पण के साथ ईमानदारी से मेहनत करें इससे चाहे कोई सा भी क्षेत्र हो आशातीत सफलता उन्हें जरुर मिलेगी। साथ ही उन्हें घरेलू विचार -विमर्श व बड़ों के मार्गदर्शन का लाभ भी समयानुसार लेते रहना चाहिए। युवाओं के व्यक्तित्व विकास के लिए सामाजिक संगठनों को भी आगे आने की जरुरत है जो समग्र समाज उत्थान के लिए जरुरी भी है। युवाओं को चाहिए की जीवन की हर खुशी को विवेक से मनाएं और कठिन से कठिन समस्या को धैर्य से सुलझाने का प्रयास करे।

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आज के युवाओं को इंटरनेट सोशल मीडिया आदि में अपने समय का उचित उपयोग करने की आवश्यकता है सोशल मीडिया में अपना समय व्यर्थ करने से बचने की आवश्यकता है। युवा ही समाज के कर्णधार हैं। इसलिए युथ वर्ग से यही गुजारिश है कि वे खुद को समझते हुए परिवार, समाज व देशहित के कार्य को महत्व दें इससे देश की प्रगति सुनिश्चित है।

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