केंद्रीय कैबिनेट ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ विधेयक को दी मंजूरी, अगले हफ्ते संसद में लाया जाएगा बिल

One Nation One Election: केंद्रीय कैबिनेट से ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ विधेयक को मंजूरी मिल गई है। जानकारी के मुताबिक अगले हफ्ते बिल को संसद में पेश किया जाएगा। केंद्र सरकार इस बिल पर आम सहमति बनाना चाहती है। ऐसे में संसद से बिल को चर्चा के लिए जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी यानी JPC के पास भेजा जाएगा। JPC इस बिल पर सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेगी। सितंबर में केंद्र सरकार ने इसके लिए बनाई गई हाईलेवल कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी दी थी, जिसमें लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों को चरणबद्ध तरीके से एक साथ कराने का प्रस्ताव था।

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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ होना चाहिए। जैसे ओडिशा में एकसाथ चुनाव हुए। प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि वन नेशन, वन इलेक्शन हो और हम इसका पूरा समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा देश के हित के लिए सोचते हैं। बार -बार चुनाव होने के कारण देश को स्थिरता नहीं मिल पाती है, जिससे देश की प्रगति जैसी होनी चाहिए बार-बार चुनाव होने के कारण नहीं हो पा रही थी। देश की तरक्की में ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ बहुत ज्यादा भागीदारी देगा। JDU सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि हमारी पार्टी इसका स्वागत करती है। (One Nation One Election)

JDU ने किया समर्थन

उन्होंने कहा कि हम लोग इस कमिटी के पास गए थे, जहां हमने कमिटी को अपनी पार्टी और अपने नेता नीतीश कुमार की ओर से अपना समर्थन दिया था। नीतीश कुमार भी इस बात के पक्षधर रहे हैं कि लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ होना चाहिए। देखा जाता है कि ये देश हमेशा ‘चुनाव मोड’ में ही रहता है। एक चुनाव खत्म नहीं होता की दूसरा आ जाता है। इससे जनता के कामों और विकास के कामों को पूरा करने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा कि देश के लिए ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ उत्साह की एक लहर लेकर आया है। सबसे पहले तो चुनाव के दौरान इतना खर्चा होता है, महीने भर से ज्यादा समय के लिए सभी कर्मचारी कार्यों में संलग्न हो जाते हैं, सारे संस्थान रुक जाते हैं और हमारे देश वासियों को बार-बार मतदान के लिए भेजा जाता है। यह इस समय की जरूरत है। हालांकि ये बहुत पहले हो जाना चाहिए था। (One Nation One Election)

पूरे साल चुनाव होते रहते हैं: विज 

हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज ने कहा कि यह बहुत ही ठीक फैसला लिया गया है, जो आजादी प्राप्त होने के बाद ही लिया जाना चाहिए था, लेकिन पूर्व की सरकारों ने इस बारे में कभी नहीं सोचा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी राष्ट्रवादी सोच के साथ कई चीजें नई कर चुके हैं। पूरे साल चुनाव होते रहते हैं। देश कुछ और सोच ही नहीं पाता और काम भी प्रभावित होता है। पीएम मोदी देश को विकसित भारत की ओर लेकर जाना चाहते हैं। जिन चीजों से देश का काम रुकता है उन चीजों को हटाना बहुत जरूरी है।हर भारतवासी को इस फैसले का स्वागत करना चाहिए। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि मेरा मानना है कि यह देश और जनता के हित में है और विकास की दृष्टि से एक बहुत अच्छा कदम है। (One Nation One Election)

यह कोई नया प्रयोग नहीं: संजय 

भाजपा सांसद संजय जयसवाल ने कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन बहुत अच्छा बिल है और यह कोई नया प्रयोग नहीं है। हमारे संविधान निर्माताओं ने जब संविधान की रचना की थी उसके बाद 1970 तक सभी चुनाव एक साथ ही होते थे। इंदिरा गांधी के समय में ये परंपरा टूटी। साल भर चुनाव होने से सभी कुछ प्रभावित रहता है। चुनाव केवल एक राज्य का नहीं होता। जैसे हरियाणा के चुनाव में बिहार के 50% वरिष्ठ अधिकारी पर्यवेक्षक बने थे। सभी सदस्यों को एक साथ मिलकर इस बिल के प्रारूप पर चर्चा करनी चाहिए और इससे सहमत होना चाहिए जिससे हम साल भर होने वाले चुनाव से बच सकें। विपक्ष के विरोध पर उन्होंने कहा कि जब संविधान बनाया गया तो सभी चुनाव एक साथ होते थे। कल संविधान पर चर्चा है। राहुल गांधी को जरूर बताना चाहिए कि क्या हमारे संविधान निर्माताओं ने भूल की थी?। (One Nation One Election)

वन नेशन-वन इलेक्शन देश के लिए बहुत जरूरी: पासवान

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन देश के लिए बहुत जरूरी है। जिस तरह से हर दूसरे-तीसरे महीनें देश के किसी न किसी राज्य में चुनाव के कारण उस राज्य के कामों को रोका जाता है, उससे उस राज्य और देश दोनों का नुकसान होता है। इसी सोच के साथ वन नेशन-वन इलेक्शन को लाया जा रहा है। हर दूसरे-तीसरे महीनें जिस तरह से देश के किसी न किसी राज्य में चुनाव होते हैं, उससे उस राज्य के विकास कार्यों में गतिरोध पैदा होता है। विपक्ष के विरोध पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर चीज का विरोध करती है। हर वो सोच जो पीएम मोदी द्वारा लाई जाती है उसका कांग्रेस ने विरोध ही किया है हालांकि जब देश आजाद हुआ था तो इसी सोच के साथ चुनाव करवाने की व्यवस्था को तैयार किया गया था कि 5 साल तक राज्य और देश दोनों की सरकारें चलेंगी। (One Nation One Election)

ज्यादा मात्रा में पैसों की बर्बादी होती थी: सैनी

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री का एक विजन था। इससे बहुत ज्यादा मात्रा में पैसों की बर्बादी होती थी, विकास की गति रुकती थी। क्योंकि देश में कभी पंचायत, कभी नगर-पालिका, कभी विधानसभाओं तो कभी लोकसभा के चुनाव होते रहते थे।पीएम मोदी का ये विजन स्वागत योग्य है। इससे देश का खर्चा भी बचेगा, देश विकास की गति पर आगे भी बढ़ेगा और इसका आम जन को भी लाभ होगा। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि जब देश में चुनाव होते हैं तो आचार-संहिता लगती है, जिससे विकास के कार्यों में बाधा आती है। आजादी के बाद भी लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव एक साथ होते थे। वन नेशन-वन इलेक्शन आने जा रहा है। लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अगर एक साथ होंगे तो विकास भी बाधित नहीं होगा। विकास की गति और तेज होगी। (One Nation One Election)

विरोध करने जैसी कोई बात नहीं: CM साय

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह बहुत अच्छा फैसला है। इससे समय के साथ-साथ पैसे की भी बचत होगी। यह देश के लिए फायदेमंद होगा। विपक्ष के विरोध पर कहा कि इसमें विरोध करने जैसी कोई बात नहीं है, जो लोग विरोध कर रहे हैं, वे शायद विकास नहीं चाहते। मुंबई के भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में 22 से 25 करोड़ रुपये खर्च होते हैं, जबकि विधानसभा चुनाव में 5 से 8 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। अगर चुनाव एक साथ होते हैं तो कर्मचारियों को बार-बार अपना काम छोड़कर चुनावी काम में नहीं लगना पड़ेगा। आंध्र प्रदेश भाजपा प्रवक्ता लंका दिनाकर ने कहा कि यह देश के लिए एक प्रभावी और अच्छा चुनावी सुधार है। इससे सरकारी खजाने का एक अच्छा खासा पैसा बचेगा, जो बार-बार चुनाव होने पर बरबाद हो जाता है। (One Nation One Election)

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