Opposition on One Election: केंद्रीय कैबिनेट ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसका विपक्ष ने विरोध किया है। RJD सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि इसी सरकार ने वो कमिटी बनाई थी और इसी कमिटी के प्रस्ताव पर यह बात सामने आई है। इस देश को इस समय सबसे ज्यादा जरूरत है तो ‘एक राष्ट्र एक रोजगार’ नीति की है, लेकिन उस पर आप चुप हैं क्योंकि उस पर आपकी मेहनत लगेगी। 60 के दशक तक इस देश में ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ था, लेकिन वो साइकिल टूट गया। यह समग्र चिंता का विषय है। कांग्रेस एमएलसी बी.के. हरिप्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव को एक साथ नहीं करा सके, लेकिन अब वे सभी राज्यों की विधानसभा और 545 लोकसभा सीटों के चुनाव एक साथ कराने की बात कर रहे हैं। यह हास्यास्पद है। वे अडानी, भ्रष्टाचार और मणिपुर जैसे गंभीर मुद्दों के ध्यान भटकाना चाहते हैं।
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JMM सांसद महुआ माजी ने कहा कि भाजपा सरकार तो लगातार चाह रही है कि ये हो लेकिन इससे स्थानीय पार्टीयों को बहुत ज्यादा नुकसान होगा। ये लोग चाहते हैं कि देश में स्थानीय पार्टियां खत्म हो जाएं और केवल एक या दो पार्टियां ही रहें। मेरे अनुसार ये स्थानीय पार्टियों के खिलाफ षड्यंत्र ही है। INDIA गठबंधन एकजुट है और हम लोग उन बिलों का विरोध करते हैं जो तमाम राज्यों के लिए हितकर नहीं है। हम INDIA गठबंधन के साथ हैं और इसका विरोध करेंगे। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि अगर इसमें कोई बात पूर्ण नहीं है या उचित नहीं है विपक्ष उसे होने नहीं देगा। हम एक बात तो समझ सकते हैं कि इससे समय बचेगा लेकिन एक बात समझ नहीं आ रही है कि इससे GDP में बढ़ोतरी कैसे होगी? (Opposition on One Election)
विस्तृत चर्चा की आवश्यकता: सावंत
शिवसेना (UBT) नेता अरविंद सावंत ने कहा कि इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की आवश्यकता है। यह आसान नहीं है। यह एक ऐसा विषय है जिस पर विस्तृत चर्चा की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि इसके लिए अब संयुक्त संसदीय समिति की आवश्यकता है। उन्हें संयुक्त संसदीय समिति का गठन करना चाहिए। हर किसी के अपने-अपने विचार हैं। हमें देश के संघवाद, देश के लोकतंत्र, धर्म, भाषा, क्षेत्रवाद के संदर्भ में विविधता को समझना चाहिए। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि रामनाथ कोविंद समिति के अध्यक्ष है, जिनसे मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि आज इस देश की GDP कितनी है ये भी उन्हें बताना चाहिए। ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ देश को कमजोर करेगा। मजबूत नहीं करेगा। अगर ऐसी स्थिति बनेगी तो इससे देश कमजोर होगा। (Opposition on One Election)
मतदाता सूची में धांधली होती है: गोगोई
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री के इच्छानुसार दो राज्यों के चुनाव कभी एक साथ करते हैं तो कभी अलग-अलग करते हैं। हम ये चाहते हैं कि चुनाव की पूरी प्रक्रिया को नए तरीके से देखा जाए। मतदाता सूची में धांधली होती है। चुनाव आयोग विपक्षी दलों के साथ बैठता भी नहीं, न ही सवाल उठाता है। पूरी चुनाव की प्रक्रिया में गंभीर मंथन होना चाहिए। ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ लोगों के मन में जो आशंका है उसका समाधान नहीं है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने ट्वीट कर कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में कठोर ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक’ पेश करने को मंजूरी दे दी है। यह अव्यावहारिक और लोकतंत्र विरोधी कदम क्षेत्रीय आवाज़ों को मिटा देगा, संघवाद को खत्म कर देगा और शासन को बाधित करेगा। उठो INDIA! आइए हम अपनी पूरी ताकत से भारतीय लोकतंत्र पर इस हमले का विरोध करें! (Opposition on One Election)
संवैधानिक दायित्वों का आप निर्वाह करते नहीं: पप्पू
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनके पास बहुमत है, वे कोई भी निर्णय ले सकते हैं। ये उनका अपना एजेंडा है। वे अपने एजेंडा पर काम करेंगे, हम अपने एजेंडा पर काम करेंगे। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन लाने की इतनी हड़बड़ी क्या है? संवैधानिक दायित्वों का आप निर्वाह करते नहीं, EVM पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन वो नहीं की जा रही है। पूंजीपतियों का आधिपत्य राजनीतिक जीवन में और लोकतांत्रिक मूल्यों में बढ़ता जा रहा है। जरूरी यह है कि हम चुनाव को पारदर्शी बनाए। वन नेशन-वन इलेक्शन कभी सफल नहीं होगा। अगर सरकार गिर गई तो क्या आप 5 साल सरकार बनाने का इंतजार करेंगे?। मुझे लगता है कि देश के लिए ये निर्णय सही नहीं है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता यूनिस मुबारक गुल ने कहा कि हमें इस मामले में कोई राजनीति नहीं करनी है। वे संसद के सदस्य हैं। हम सरकार के किसी भी फैसले का विरोध नहीं करेंगे, जो लोगों के लिए अच्छा है। (Opposition on One Election)
यह हर पहलू से गलत फैसला: ओवैसी
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष अपनी पार्टी का पक्ष रखा था कि हम एक राष्ट्र एक चुनाव के खिलाफ हैं, क्योंकि यह भारत के संघवाद के खिलाफ है। राज्य स्वतंत्र इकाइयां हैं। आप पैसे कैसे बचाएंगे? हर चुनाव के लिए फंड आवंटित किया जाता है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि आचार संहिता विकास कार्यों को प्रभावित करती है; यह झूठ है। एक राष्ट्र एक चुनाव हमारे संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है, संघवाद के खिलाफ है। इससे क्षेत्रीय पार्टियां कमजोर होंगी, क्योंकि विधानसभा के लिए मुद्दे अलग होंगे। लोकसभा के लिए मुद्दे अलग होंगे। स्थानीय निकाय के चुनाव के मुद्दे अलग होंगे। इन सभी चुनावों को एक साथ कराना गलत है। यह हर पहलू से गलत फैसला है। भाजपा नहीं चाहती कि स्थानीय मुद्दे मायने रखें, वह बहाने बना रही है। (Opposition on One Election)