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Plastic Ban: देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगा प्रतिबंध, इन 19 चीजों पर लगाया गया बैन

Plastic Ban: देशभर में 1 जुलाई यानी आज से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पर्यावरण पर प्लास्टिक के बढ़ते दुष्प्रभाव पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने आज से देशभर में सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब प्लास्टिक से बनी कई चीजों की बिक्री बंद हो जाएगी। दैनिक जीवन में प्लास्टिक से बनी ऐसी कई चीजें हैं, जिनका इस्तेमाल हर कोई करता है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक लिस्ट भी जारी की है, जिन पर रोक लगाई गई है।

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केंद्र सरकार का मानना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगाने से इसके कचरे की मात्रा में कमी आएगी। क्योंकि सिंगल यूज प्लास्टिक को री-साइकिल करना मुश्किल और खर्चीला होता है। इसलिए इसका अधिकांश हिस्सा किसी ना किसी रूप में वापस से पर्यावरण में ही चला जाता है, जिससे प्रकृति को कई प्रकार से नुकसान पहुंचता है। भारत में रोजाना 26 हजार टन प्लास्टिक कचरा निकलता है, जिसमें मात्र 60 फीसदी को ही इक्टठा किया जाता है। बाकी 40 फीसदी प्लास्टिक कचरा देश के नदी-नालों में पड़ा मिलता है। (Plastic Ban)

बता दें कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने लिस्ट जारी करने के साथ ही इसको सख्ती से लागू करने के भी निर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने सख्त निर्देश दिए हैं कि अगर कोई भी व्यक्ति सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आदेश का उल्लंघन करने वालों के पांच साल की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकता है। वहीं लगातार उल्लंघन करने वाले पर पांच हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भी जुर्माना लग सकता है। (Plastic Ban)

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक लिस्ट जारी कर प्लास्टिक से बने 19 उत्पादों पर बैन लगाया है, जिसमें प्लास्टिक कैरी बैग, प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक स्टिक, कैंडी स्टिक, आइस्क्रीम स्टीक, प्लास्टिक के झंडे, थर्माकोल (पॉलिस्ट्रीन), प्लास्टिक की प्लेट, प्लास्टिक के कप, प्लास्टिक के गिलास, प्लास्टिक के कांट, प्लास्टिक के चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, प्लास्टिक ट्रे, मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाले फिल्म, इन्विटेशन कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसे बैनर, स्टिरर शामिल है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने सभी राज्यों को अपने यहां सिंगल यूज प्लास्टिक के अवैध रूप से इसके निर्माण, जमा और बिक्री पर नजर बनाए रखने के लिए निर्देशित किया गया है। मंत्रालय ने फिलहाल FMCG सेक्टर को इस बैन से छूट दी है। (Plastic Ban)

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प्लास्टिक की बर्बादी को कम करने के लिए केंद्र द्वारा चुनिंदा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध आज से लागू हो गया है। सिंगल-यूज प्लास्टिक आमतौर पर ऐसी वस्तुएं होती हैं, जिन्हें सिर्फ एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है और रीसाइक्लिंग प्रक्रिया के लिए नहीं जाता है। प्लास्टिक प्रदूषण में इनका बड़ा योगदान है।राज्य सरकारें एक अभियान शुरू कर ऐसी वस्तुओं के निर्माण, वितरण, भंडारण और बिक्री से जुड़ी इकाइयों को बंद कराने की पहल करेंगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत जुर्माना, जेल की अवधि या दोनों शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। प्रतिबंधित एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग की जांच के लिए विशेष प्रवर्तन दल गठित किए गए हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी प्रतिबंधित एसयूपी वस्तु की अंतरराज्यीय आवाजाही को रोकने के लिए सीमा चौकियां स्थापित करने का भी आदेश दिया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लोगों की मदद लेने के लिए एक शिकायत निवारण ऐप भी शुरू किया है। अधिकारियों ने कहा कि FMCG क्षेत्र में पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इसे विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व दिशा-निर्देशों के अंतर्गत रखा जाएगा। पिछले साल 12 अगस्त को इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 तक एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को चरणबद्ध करने के आह्वान के अनुरूप पर्यावरण मंत्रालय ने 12 अगस्त 2021 को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 को जारी किया था, जिसके बाद आज से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया गया है।

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