बारिश में बढ़ी सर्पदंश की घटनाएं, एंटी वेनम ही एक मात्र उपचार, ऐसे करें बचाव…

Snake Bite Prevention: सर्पदंश एक गंभीर आपदा के रूप में सामने आई है। बरसात के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं ज्यादा पाई जाती है। बरसात के मौसम में सांप अक्सर बाहर निकल आते हैं, इसलिए इनसे बचाव करना जरूरी है। जागरूकता के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग सांप काटने से व्यक्ति को बैगा, गुनिया के पास झाड़-फूंक करवाने के लिए ले जाते हैं। अधिकांश ग्रामीणों का मानना है कि सर्पदंश पीड़ित को बैगा के पास ले जाने पर झाड़-फूंक से सांप का जहर निकल जाता है। सर्पदंश से बचने के लिए जागरूक होना जरूरी है। सर्पदंश से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए प्राथमिक उपाय के रूप में लोगों को सर्पदंश से बचने के उपायों के प्रति जागरूक होना जरूरी है।

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सर्पदंश से बचाव के उपाय

  • जमीन में न सोए।
  • पलंग पे मच्छरदानी लगाकर चारों तरफ अच्छे से दबा कर सोए।
  • पलंग को दीवार से न सटाए न ही पलंग से कोई सामान सटा कर रखें।
  • अपने सोने वाले रूम में छोटे जीव जंतु जैसे चिड़िया, खरगोश मुर्गियां न रखे, ना ही घर में चूहे होने दे।
  • घर के अंदर बिल, दिवारों के दरारों और छेदों को बंद करके रखे।
  • नाली, खिड़कियों में छोटी जाली लगा कर रखें।
  • दरवाजों के नीचे गेप ना हो इसका ध्यान रखे। अगर गेप हो तो शाम को ही कपड़े, बोरे या पटरे से बंद करे। साथ ही सुबह सावधानी से हटाएं।
  • सोने से पहले पलंग के नीचे और रूम में सावधानी पूर्वक देख ले कही सांप तो नहीं हैं।
  • रात में शौच के लिए निकलने पर रोशनी का इस्तेमाल करे, जहां दिखाए न देता हो वहां हाथ पाव न डाले।
  • खेत-बाड़ी में काम करते समय विशेष सावधानी बरतें।
  • लंबे घासों में चलना हो तो ऊपर तक कवर करने वाले जुते का इस्तेमाल करे। साथ ही किसी छड़ी की सहायता से अपने अगले कदम वाले स्थान के घास को हटा कर देखते चले।
  • खेतों के मेड़ों में चलते, मछली -केकड़ा पकड़ते समय सावधानी बरतें, लकड़ियों पत्थर ईंटो के ढेरों को हटाते समय सावधानी बरतें। (Snake Bite Prevention)

सर्पदंश होने पर बचाव के उपाय

  • मरीज को हिम्मत दे डराए ना, मरीज के डरने से बीपी बढ़ेगा। इससे सांप का जहर तेजी से फैलेगा।
  • मरीज को स्थिर लिटा दे। ना तो मरीज को चलाना हैं ना ही किसी अन्य प्रकार के कोई गतिविधि करनी है।
  • काटे हुए स्थान पर चीरा न लगाएं। इससे मरीज की जान भी जा सकती है।
  • अगर सांप ने हाथ-पैर में काटा हो तो उससे थोड़ी ऊंचाई पर कपड़े या रस्सी से बांध देना चाहिए।
  • झाड़-फूक के चक्कर में न पड़े।
  • सांप के जहर का पता लगाने नमक-मिर्च खिलाने में समय बर्बाद ना करे।
  • सर्पदंश का मात्र एक ही उपचार एंटीवेनम है, जो शासकीय अस्पतलाल में निशुल्क उपलब्ध होते हैं।
  • सर्पदंश का कोई भी घरेलू और प्राथमिक उपचार नहीं है। इसलिए अतिशीघ्र अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जिसके लिए 108 की सविधा ली जा सकती है। अगर किसी कारणवश 108 उपलब्ध ना हो या आप तक पहुंचने में ज्यादा समय लगने की स्थिति में अपने किसी अन्य माध्यम से हॉस्पिटल पहुंचने की कोशिश करे। (Snake Bite Prevention)
  • सर्पदंश के बाद समय पर हॉस्पिटल पहुंच एंटीवेनम ले लिया गया हो तो पीड़ित की बचने की संभावना 100 प्रतिशत होती हैं।

सर्पदंश के बाद लक्षण

अधिकांश सांप मांसाहारी होते हैं और छोटे जीव-जंतुओं को खाते हैं। मनुष्यों को ये अपने ऊपर खतरा देख कर ही काटते हैं। इन्हें छेड़ा न जाए तो ये मनुष्यों को नहीं काटते। सांप के जहर से ऊतक नष्ट होते हैं। नर्वस सिस्टम प्रभावित हो सकता है। ब्लड प्रेशर और हृदय पर असर या क्लॉटिंग समेत रक्तस्त्राव होता है। लक्षण उत्पन्न होने में कभी-कभी 6 से 12 घंटे का समय लग सकता है। बिना जहर वाले सांप काटने पर काटे हुए स्थान पर थोड़ा दर्द और सूजन हो सकती है, जो सामान्यत आसानी से ठीक हो जाती है। (Snake Bite Prevention)

जहरीले सांप के काटने पर अगर सांप द्वारा जहर नहीं उगला गया है तो खतरा नहीं होता है। अगर जहर उगला गया है तब काटने के स्थान पर तेज दर्द, छाला पड़ना, सूजन, लालिमा, नीलापन, रक्तस्त्राव, काला पड़ना या सुन्न होना हो सकता है। सांप के जहर के असर से व्यक्ति के काटे वाले भाग के पूरे अंग में तेज दर्द हो सकता है। कम ब्लडप्रेशर, कमजोर नाड़ी, बढ़ी धड़कन, उल्टी, दस्त, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, देखने में दिक्कत, हाथ-पैर ठंडा होना, सुन्न पड़ना, पसीना आना इसके लक्षण हो सकते हैं। (Snake Bite Prevention)

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