
Politics over Election Commission: विपक्षी दलों के नेताओं ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है। शिवसेना (UBT) नेता आनंद दुबे ने लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर लगाए आरोप को सही बताया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जो कह रहे हैं, वह बिलकुल सही है, महाराष्ट्र में मतदाता बढ़े हैं, अनियमितताएं और धांधली बढ़ी है, लेकिन हम किससे कहें? चुनाव आयोग ये सब सुनता है, लेकिन चुनाव आयोग सरकार के हाथ की कठपुतली बन गया है। विपक्षी नेता बार-बार कह रहे हैं कि महाराष्ट्र के सोलापुर गांव के चुनाव हों या दूसरे राज्यों के, चुनाव आयोग की वजह से ये प्रभावित हुए हैं, धांधली हो रही है, लेकिन हम किससे कहें, एक ही विकल्प है, सुप्रीम कोर्ट लेकिन जब हम सुप्रीम कोर्ट जाते हैं, तो मामला लंबा चलता है और कई चुनाव बीत जाते हैं।
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उन्होंने कहा कि चाहे राहुल गांधी हों, चाहे मल्लिकार्जुन खड़गे हों या संजय राउत हों सब एक ही बात कह रहे हैं कि महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजे उस तरह नहीं आए जैसे आने चाहिए थे, कहीं तो कोई बहुत बड़ी गड़बड़ी हुई है। शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि महाराष्ट्र के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों को, जिन्होंने महाराष्ट्र से उद्योगों को भगाया, जिन्होंने दो क्षेत्रीय दलों को तोड़कर अपनी सरकार बनाई, महाराष्ट्र उन्हें माफ नहीं करेगा, जिन्होंने 5 महीने में 48 लाख नए मतदाता जोड़े, महाराष्ट्र उन्हें माफ नहीं करेगा। महाराष्ट्र का बच्चा-बच्चा पूछ रहा है कि लोकसभा से विधानसभा तक 5 महीने में 48 लाख वोटर जुड़े, जबकि 5 साल में 37 लाख जुड़े। अब तक 72 लाख नए वोटर आए हैं, जिसमें से 70 लाख वोटर भाजपा के खेमे में जुड़ गए हैं। (Politics over Election Commission)
RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के बारे में कुछ कहा, जो चिंता का विषय है। इसलिए मैं कहता हूं कि यह चिंता तभी दूर होगी जब चुनाव आयोग यह तय करेगा कि वह अनुच्छेद 324 के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का संरक्षक है, न कि किसी पार्टी के हितों का। AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग नाम की कोई संस्था नहीं बची है। दिल्ली में संसद है, सुप्रीम कोर्ट है, चुनाव आयोग है और चुनाव आयोग की नाक के नीचे ये सब हो रहा है। कालकाजी में खुलेआम गुंडागर्दी हो रही है, रमेश बिधूड़ी के रिश्तेदार वहां घूम रहे हैं, जंगपुरा में भाजपा उम्मीदवार गुंडागर्दी कर रहा है, नई दिल्ली में भी ये सब हो रहा है, लेकिन चुनाव आयोग को ये नहीं दिखता। उल्टा एक महिला मुख्यमंत्री की शिकायत पर उनके खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई। अगर ये हाल है तो मुझे लगता है कि निष्पक्ष चुनाव और चुनाव आयोग का कोई मतलब नहीं है। (Politics over Election Commission)
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा जितना अन्याय करेगी, आम आदमी पार्टी उतनी ही मजबूत होगी। जनता आम आदमी पार्टी के साथ है। यह कोई नई बात नहीं है, चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम करता है। अयोध्या में भी यही होगा, इसीलिए जाति के आधार पर अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है। अरविंद केजरीवाल जो आरोप लगा रहे हैं, वह सच है, भाजपा चुनाव आयोग की मिलीभगत से अन्याय करती है। कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि पूरा देश कह रहा है कि चुनाव आयोग ईमानदारी से काम नहीं कर रहा है। सब जानते हैं कि चुनाव आयोग विपक्ष की एक भी शिकायत पर ध्यान नहीं देता। खुलेआम फर्जी वोटर बनाए जा रहे हैं, महाराष्ट्र में 82 लाख वोटर बनाए गए। 2 महीने में 82 लाख वोटर बढ़े और जिन सीटों पर वोटर बढ़े, वहां भाजपा जीत गई। (Politics over Election Commission)
छत्तीसगढ़ के राज्यसभा सांसद शुक्ला ने कहा कि चुनाव आयोग को यह नहीं दिख रहा कि खुलेआम पैसे बांटे जा रहे हैं। NCP-SCP नेता जितेन्द्र अव्हाड ने कहा कि महाराष्ट्र के चुनाव में घोटाला हुआ है ये महाराष्ट्र का बच्चा-बच्चा भी जानता है। यह अच्छी बात है कि राहुल गांधी ने ये बात संसद में रखी और पूरे देश को अवगत करवाया की महाराष्ट्र में हुआ क्या। हमें ये लड़ाई लड़ने की जरूरत है नहीं तो ये लोग पूरा देश खा जाएंगे। (Politics over Election Commission)
भाजपा सांसद रवि किशन ने AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को लेकर कहा कि उन्हें हर जगह से भगाया जा रहा है। उनके सारे नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। उन्हें पता चल गया है कि वे बुरी तरह से हार रहे हैं। अब वे EVM पर ठिकरा फोड़ेंगे। वोटिंग के दिन तक यही नाटक होगा। मेरा देवतुल्य जनता से यही निवेदन है कि दिल्ली की जनता कहीं फंसे नहीं। आप नरकीय जीवन जी रहे हैं। क्या यह राजधानी है? पिछले 10 साल तक राजधानी के नाम पर मजाक किया जा रहा है। मेरा निवेदन है कि आप ऐसी हार उन्हें(AAP) दीजिएगा जिससे कोई भी दूसरा इस तरह का काम न करे। भारत के चुनाव आयोग ने ट्वीट किया कि तीन सदस्यीय आयोग ने सामूहिक रूप से दिल्ली चुनावों में ECI को बदनाम करने के लिए बार-बार जानबूझकर दबाव बनाने की रणनीति पर ध्यान दिया, मानो यह एक एकल सदस्यीय निकाय है और इसने संवैधानिक संयम बरतने का निर्णय लिया है, तथा इस तरह के आक्षेपों को बुद्धिमत्तापूर्वक, धैर्यपूर्वक सहन किया है और इससे प्रभावित नहीं हुआ है। (Politics over Election Commission)