पंजाब के 5 बार के CM प्रकाश सिंह बादल का निधन, 2 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित

Prakash Singh Badal Death: पंजाब के पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल का 95 साल की उम्र में निधन हो गया है। 16 अप्रैल को सुबह तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मोहाली के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां मंगलवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। वे 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हैं। जून 2022 में भी सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। कुछ समय बाद अस्पताल से उनकी छुट्टी हो गई थी। सितंबर 2022 में फिर सेहत बिगड़ने के बाद उन्हें PGI चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया था।

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बादल के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए शिरोमणि अकाली दल के चंडीगढ़ स्थित कार्यालय में रखा गया है, जहां पर हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, पंजाब की पूर्व CM राजिंदर कौर भट्‌ठल, हरियाणा के पूर्व CM ओमप्रकाश चौटाला, बलविंदर सिंह भूंदड़ के अलावा अकाली नेता और उनके समर्थकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। दोपहर बाद चंडीगढ़ से बठिंडा के लिए उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। (Prakash Singh Badal Death)

कल यानी 27 अप्रैल को उनका बादल गांव में अंतिम संस्कार होगा। वहां बठिंडा-बादल रोड पर किन्नुओं के बाग में 2 एकड़ में जगह खाली की जा रही है। गांव के श्मशान घाट में जगह कम होने के कारण उनका अंतिम संस्कार खेत में किया जाएगा। बता दें कि बादल देश की राजनीति के सबसे बुजुर्ग नेता थे। उनके निधन पर केंद्र सरकार ने दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है, जिसमें दो दिन पूरे देश में लगा ध्वज आधा झुका दिया जाएगा। वहीं सभी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। पंजाब में कल गुरुवार को सरकारी छुट्‌टी की घोषणा कर दी गई है। (Prakash Singh Badal Death)

उनका रसूख सियासी तौर पर इस कदर था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके पैर छूते थे। उन्होंने 75 साल का सफल राजनीतिक जीवन जिया। इस दौरान वह 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने लगातार 11 चुनाव जीते। पिछले साल वह अपनी सीट लंबी से चुनाव हार गए थे। उसके बाद वह सियासी तौर पर ज्यादा सक्रिय नहीं रहे। केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों का विरोध हुआ तो शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था। इसके बाद प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण तक लौटा दिया था। (Prakash Singh Badal Death)

20 साल की उम्र में सरपंच बनने के बाद प्रकाश सिंह बादल करीब 75 साल तक राजनीतिक जीवन में हमेशा राजनीति के केंद्र में रहे। पंजाब राज्य की राजनीति का उन्हें बाबा बोहड़ कहा गया। वहीं केंद्र में भी उनकी दहाड़ हमेशा ऊंची रही। जनसंघ और भाजपा की तरफ झुकी राजनीति के प्रमुख चेहरों में शुमार रहे। भाजपा ने भी उन्हें कभी नजरअंदाज नहीं किया। इसके बावजूद वे केंद्र की राजनीति में ज्यादा समय नहीं ठहरे। प्रकाश सिंह पहली बार 20 साल की उम्र में बादल गांव के सरपंच चुने गए थे, जिसके बाद उन्होंने गांव का नाम अपने साथ जोड़ लिया। इस तरह वे प्रकाश सिंह ढिल्लों से प्रकाश सिंह बादल बन गए। (Prakash Singh Badal Death)

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