बीजापुर मुठभेड़ को लेकर ग्रामीणों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, पढ़ें पूरी खबर 

Questions on Bijapur Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 10 मई को पीडिया के जंगलों में जवानों ने 12 नक्सलियों को मार गिराया था। साथ ही भारी मात्रा में हथियार बरामद किए थे। हालांकि मुठभेड़ के बाद पुलिस के दावों ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुठभेड़ में मारे गए सभी 12 लोगों को ग्रामीण बताया है। उनका कहना है कि सभी लोग तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए गए थे। इसी दौरान जवानों ने उन पर फायरिंग कर दी। मौके पर कोई भी नक्सली मौजूद नहीं था। हालांकि SP जितेंद्र यादव ने ग्रामीणों के आरोप को खारिज कर दिया है।

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उन्होंने कहा कि गंगालूर और दरभा डिवीजन के बड़े नक्सल कैडर की मौजूदगी की सूचना पर ऑपरेशन शुरू किया गया था। अलग-अलग समय पर 12 घंटे तक फायरिंग हुई है। मुठभेड़ में मारे गए सभी 12 लोग नक्सल संगठन से जुड़े हुए थे। पुलिस रिकॉर्ड इस बात की गवाही देते हैं। इससे पहले भी फोर्स को मिली कामयाबी पर नक्सली सवाल उठाते रहे हैं। यह कोई नई बात नहीं है। इधर, नक्सलियों ने भी मुठभेड़ को लेकर प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें उन्होंने सिर्फ दो लोगों को अपना सदस्य बताया है। जबकि 10 लोगों को ग्रामीण बताया है। साथ ही कार्रवाई की मांग की है। (Questions on Bijapur Encounter)

जवानों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग

नक्सलियों के जारी प्रेस नोट के मुताबिक 9 मई 2024 को बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा के उप निरक्षक कमलोशन कश्याप और SP के नेतृत्व में संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया था, जिसमें DRG और CRPF कोबरा बटालियन के 1200 जवानों ने तुमनार-पीडिया-इतावर गांवों में विदेशी सैनिकों की तरह तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल गए ग्रामीणों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें मोर्टार सेल और रॉकेट लॉन्चर दागे गए, जिसमें निर्दोष आदिवासियों की मौत हो गई। नक्सलियों ने आगे लिखा कि मुठभेड़ होने की बात मनगढ़ंत है। बीजापुर SP जितेंद्र कुमार यादव झूठी प्रचार का खंडन करें। साथ ही घटना में शामिल दोषी जवानों को कड़ी से कड़ी सजा देकर नौकरी से बर्खास्त करें। (Questions on Bijapur Encounter)

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