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राजपथ अब कर्तव्य पथ, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फुट ऊंची प्रतिमा लगी, देश को आज एक नई प्रेरणा, नई ऊर्जा मिली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

Rajpath Ab Kartavya Path: देश के गौरव में आज के दिन एक और गाथा जुड़ गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया। यह प्रतिमा 28 फुट ऊंची है, 65 मेट्रिक टन इसका वजन है और इसे अखंड ग्रेनाइट पत्थर से तराशकर बनाया गया है। इस प्रतिमा को बनाने में 26 हजार से ज्यादा घंटे लगे हैं। जिस मंडप के नीचे यह प्रतिमा है वहां कभी ब्रिटिश शासक किंग जॉर्ज पंचम की प्रतिमा लगी हुई थी। (Rajpath Ab Kartavya Path)

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देश को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, आजादी के अमृत महोत्सव में, देश को आज एक नई प्रेरणा मिली है, नई ऊर्जा मिली है। आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर, आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं। आज जो हर तरफ ये नई आभा दिख रही है, वो नए भारत के आत्मविश्वास की आभा है। अगर आजादी के बाद हमारा भारत सुभाष बाबू की राह पर चला होता तो आज देश कितनी ऊंचाइयों पर होता! लेकिन दुर्भाग्य से, आजादी के बाद हमारे इस महानायक को भुला दिया गया। उनके विचारों को, उनसे जुड़े प्रतीकों तक को नजरअंदाज कर दिया गया। 

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कर्तव्य पथ केवल ईंट-पत्थरों का रास्ता भर नहीं है। ये भारत के लोकतान्त्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत मार्ग है। यहाँ जब देश के लोग आएंगे, तो नेताजी की प्रतिमा, नेशनल वार मेमोरियल, ये सब उन्हें कितनी बड़ी प्रेरणा देंगे, उन्हें कर्तव्यबोध से ओत-प्रोत करेंगे। आज के इस अवसर पर, मैं अपने उन श्रमिक साथियों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने कर्तव्यपथ को केवल बनाया ही नहीं है, बल्कि अपने श्रम की पराकाष्ठा से देश को कर्तव्य पथ दिखाया भी हैं। 

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, राजपथ ब्रिटिश राज के लिए था, जिनके लिए भारत के लोग गुलाम थे। राजपथ की भावना भी गुलामी का प्रतीक थी, उसकी संरचना भी गुलामी का प्रतीक थी। आज इसका आर्किटैक्चर भी बदला है, और इसकी आत्मा भी बदली है। 

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