Same-Sex Marriage Verdict : समलैंगिक विवाह की कानूनी मान्यता पर सुप्रीम फैसला आज

Same-Sex Marriage Verdict : सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच आज समलैंगिक शादी को मान्‍यता देने वाली याचिका पर फैसला देगी. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्‍व वाली पांच जजों की पीठ ने 18 अप्रैल से समलैंगिक शादी को मान्‍यता देने वाली याचिका पर सुनवाई शुरू की थी.

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इस बेच में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा भी शामिल हैं. लंबी सुनवाई के बाद टॉप कोर्ट ने 17 अक्‍टूबर का दिन फैसले के लिए रखा था.

अहम ये है कि इस मामले में दो पक्ष हैं, पहला है वो याचिकाकर्ता जिन्होंने समलैंगिक शादी को मान्‍यता देने की अपील की है और दूसरी है केंद्र सरकार जो इस याचिका के विरोध में है. LGBTQIA+, सेम सेक्‍स कपल समेत ट्रांसजेंडर भी याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं. (Same-Sex Marriage Verdict)

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वालों में समलैंगिक सुप्रियो चक्रवर्ती के अलावा उदरयराज आनंद, अभय डांग, पार्थ फिरोज मेहरोत्रा समेत अन्य शामिल हैं. सभी याचिकाओं में आमतौर पर समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग की गई है. इनमें कहा गया है कि विशेष विवाह अधिनियम में अंतर धार्मिक और अंतर जातीय विवाह को संरक्षण दिया गया है, लेकिन समलैंगिकों के साथ भेदभाव किया गया है.

दूसरी ओर केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने संविधान पीठ से कहा था कि सरकार एक कमेटी बनाकर समलैंगिक जोड़ों के अधिकार के मुद्दे पर हल निकालेगी. यह कमेटी इन जोड़ों की शादी को कानूनी मान्यता देने के मुद्दे पर विचार नहीं करेगी. समस्याओं को लेकर याचिकाकर्ता यानी समलैंगिक विवाह की मांग करने वाले अपने सुझाव दे सकते हैं. अपने सुझावों में वह सरकार को बता सकते हैं कि क्या कदम उठाए जाएं. मेहता ने कहा था कि सरकार इस पर सकारात्मक है. याद रहे कि केंद्र ने तब जवाब दिया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि सरकार की मंशा इस मामले में क्या है? (Same-Sex Marriage Verdict)

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