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जीवन का मूलमंत्र समाज की निःस्वार्थ सेवा : अर्जुन हिरवानी

रायपुर छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी जिन्होंने समाज की निःस्वार्थ सेवा को ही जीवन का मूलमंत्र बनाया। रचनात्मक व सृजनात्मक विचारधारा वाले श्री साहू का बचपन बहुत ही आभावों में बीता हैं। उनके पिता का नाम बिसरूराम साहू व माता का नाम सोहाद्रा बाई साहू हैं। 20 जुलाई 1958 को ग्राम अकलवारा (गुरुर) जिला – बालोद (तत्कालीन दुर्ग जिला) में जन्म हुआ। ग्राम अकलवारा निवासी अर्जुन हिरवानी ने आभाव को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। संघर्षो के साथ वे बड़े हुए हैं। आठवीं तक की पढ़ाई गांव में ही हुआ। आगे की पढ़ाई आर्थिक परेशानी के कारण पूरी करने में पिता असमर्थ थे। पढ़ने की लगन मन में थी यह बात उनके बड़े पिता हजारी राम साहू ग्राम मुड़खुसरा (चारामा) को पता चली तो उन्होंने अपने साथ लेकर बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी करवाई। क्षेत्र में वे मेघावी छात्र के नाम से जाने जाते थे। बारहवीं के बाद अब फिर मुश्किल आन पड़ी, इसबार गांव वालों ने आपसी चंदा करके आर्थिक सहयोग कर रूद्री जिला धमतरी स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में भर्ती कराया। जहाँ उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की।

कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने के बाद सन 1980 में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग में नौकरी लग गई। ओरछा (नारायणपुर) में आपकी पहली पोस्टिंग हुई। सन 1993 से 2002 तक अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी विभाग कांकेर में पदस्थ रहे। नौकरी के दौरान जहाँ भी पदस्थ रहे पूरी लगन व मेहनत के साथ काम करते रहे। सन 1998 में उनके साथ एक दुर्घटना घट गई। कांकेर में पदस्थ रहते हुए सरकारी काम से जगदलपुर जाना हुआ उसी दरमियान भानपुरी के पास उनकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। दुर्घटना बहुत भयानक थी। 11 माह तक बिस्तर पर स्वास्थ्य लाभ लिए। उसी घटना से उनकी एक पैर काम करना बंद कर दिया। मन की इच्छशक्ति प्रबल थी। थोड़ा समय बीतने के बाद धीरे धीरे सहारे के साथ चलना शुरू किये। आज भी उसी घटना के कारण एक पैर पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो पाया। लंगड़ाकर चलते हैं। सन 2002 में शारीरिक अस्वस्थता के चलते नौकरी से रिजाईन कर दिए।

अर्जुन हिरवानी ने आगे कहा, समय हर जख्म को भर देता हैं। यह बात श्री साहू के जीवन में देखने को मिलती हैं। कुछ वर्षों में वे अपने आप को स्वस्थ महसूस करने लगे। फिर उन्होंने बचपन से मिलें प्यार व सहयोग को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया। निःस्वार्थ सेवा की मूलमंत्र के साथ निरंतर काम करते आ रहे हैं। सामाजिक विकास की सोच को सदैव अपने मन में संजोकर कार्य करते रहने को अपनी पहली प्राथमिकता मानते है। सभी प्रकार के आयोजनों में अपनी भागीदारी देते आ रहे हैं। सामाजिक बैठकों में निरंतर आना-जाना होता रहा है। आप गायत्री परिवार से भी जुड़ें हुए हैं। सन् 2012 से 2019 तक जिला साहू समाज बालोद के अध्यक्ष पद पर रहते हुए सामाजिक विकास की दिशा में पूरी लगन के साथ काम किये। मिले अपने दायित्वों को कुशलता से निभायें। सामाजिक जनों के विशेष आग्रह पर प्रदेश स्तर में सेवाएं देने के लिए तैयार हो गए। सन 2019 में छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ का चुनाव सामाजिक नियमावली के अंतर्गत संपन्न हुआ। इस चुनाव में सामाजिक बंधुओं के बीच लोकप्रियता के चलते भारी मतों से विजयी हुए। अभी वर्तमान में सन् 2019 से छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष के दायित्व का निर्वहन करते हुए सामाजिक विकास एवं उत्थान में अपना योगदान देते रहे है। आपके कुशल नेतृत्व में कई आयोजनों का सफलता के साथ संचालन किया जा रहा है। सामाजिक दायित्वों के साथ घर-परिवार की भी जिम्मेवारी बखूबी निभाते आ रहे हैं।

समाजसेवा के क्षेत्र में व्यवहार का बहुत महत्व होता है। अपने मिलनसार व्यवहार से सबका दिल जीतनें में सफल हुए। अभिमान से बचो, स्वाभिमान को मत त्यागो, अपने मेहनतकश पिता की इस सीख पर चलते हुए श्री साहू ने समाज सेवा के क्षेत्र में बेहतर सामंजस्य स्थापित कर एक नई पहचान बनाई। आपसी सामंजस्य एवं बेहतर सेवाभाव के चलते वे बहुत कम समय में समाजसेवा के क्षेत्र में अपने आप को स्थापित करने में सफल हुए। अपनी बातों को स्पष्ट व मजबूती के साथ रखने की कार्यशैली ने सबको प्रभावित किया हैं।

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