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Shah in Rajya Sabha: भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज जब 75 साल के समय के बाद, संविधान को स्वीकार करने के बाद पीछे मुड़कर देखते हैं तो सरदार पटेल का मैं धन्यवाद करना चाहता हूं कि उनके अथक परिश्रम के कारण आज एक होकर देश मजबूती के साथ दुनिया के सामने खड़ा है। जो लोग कहते थे कि हम आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो पाएंगे, उनको भी हमारी जनता ने, हमारे संविधान ने खूबसूरती से जवाब दिया है। आज हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर सम्मान के साथ खड़े हैं।
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शाह ने कहा कि आज हम जिस मुकाम पर खड़े हैं, उस मुकाम पर महर्षि अरविंद और स्वामी विवेकानंद की वो भविष्यवाणी सच होती दिखाई पड़ती है कि भारत माता अपनी देदीप्यमान ओजस्वी स्वरूप में जब खड़ी होंगी, तब दुनिया की आंखें चकाचौंध हो जाएगी और पूरी दुनिया रोशनी के साथ भारत की ओर देखेगी। कोई ये न समझे कि हमारा संविधान दुनिया के संविधानों की नकल है। हां, हमने हर संविधान का अभ्यास जरूर किया है, क्योंकि हमारे यहां ऋग्वेद में कहा गया है, हर कोने से हमें अच्छाई प्राप्त हो, सुविचार प्राप्त हो, और सुविचार को स्वीकारने के लिए मेरा मन खुला हो। (Shah in Rajya Sabha)
हमने हमारी परंपराओं को नहीं छोड़ा: शाह
उन्होंने कहा कि हमने सबसे अच्छा लिया है, लेकिन हमने हमारी परंपराओं को नहीं छोड़ा है। पढ़ने का चश्मा अगर विदेशी है, तो संविधान में भारतीयता कभी दिखाई नहीं देगी। भाजपा ने 16 साल तक शासन किया और संविधान में 22 संशोधन किये। वहीं कांग्रेस ने 55 साल राज किया और 77 बार संविधान में परिवर्तन किया। संशोधनों को लागू करने के विभिन्न तरीके हैं – कुछ संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करते हैं, जबकि अन्य केवल औपचारिकता के रूप में किए जा सकते हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने परिवर्तन किए, लेकिन परिवर्तन का उद्देश्य क्या था? इससे पार्टी का संविधान में विश्वाश का पता चलता है। (Shah in Rajya Sabha)
नेहरू के समय संविधान में पहला संशोधन हुआ: शाह
गृहमंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय संविधान में पहला संशोधन किया गया और 19A जोड़ा। ये संशोधन अभियक्ति की आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कर्टेल करने के लिए किया गया। इसी तरह 24वां संशोधन किया गया और इसके माध्यम से नागरिकों के मौलिक अधिकार कम कर दिए गए। इसी तरह कांग्रेस ने सिर्फ अपने उद्देश्य के लिए संविधान में कई संशोधन किए। संविधान में संशोधन के पीछे के उद्देश्यों की जांच करके किसी पार्टी के चरित्र और इरादों को समझा जा सकता है। संविधान की रचना के बाद डॉ अंबेडकर ने बहुत सोच समझकर एक बात कही थी कि कोई संविधान कितना भी अच्छा हो, वह बुरा बन सकता है, अगर जिन पर उसे चलाने की जिम्मेदारी है, वो अच्छे नहीं हों। (Shah in Rajya Sabha)
हमने तीन तलाक खत्म किया: गृहमंत्री शाह
गृहमंत्री ने कहा कि उसी तरह से कोई भी संविधान कितना भी बुरा हो, वो अच्छा साबित हो सकता है, अगर उसे चलाने वालों की भूमिका सकारात्मक और अच्छी हो। हम तीन तलाक को खत्म करने के लिए कानून लाए। हालांकि उनका कहना है कि हमने वोटबैंक के लिए ऐसा किया। तीन तलाक को खत्म किया जाए और शाहबानो को मुआवजा दिया जाए – दोनों फैसले सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग समय पर दिए थे। हमने मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ अन्याय नहीं किया, बल्कि, यह कांग्रेस पार्टी थी जिसने कई वर्षों तक ऐसा किया। हमने तीन तलाक खत्म करके उनके अधिकार बहाल किए। ये दोनों घटनाएं हमने संविधान के 75 साल के कालखंड में देखी हैं। (Shah in Rajya Sabha)
पहला संशोधन 18 जून 1951 को हुआ: शाह
शाह ने कहा कि संविधान में पहला संशोधन 18 जून, 1951 को हुआ। संविधान समिति ने यह संशोधन इसलिए किया क्योंकि कांग्रेस पार्टी आम चुनाव होने तक इंतजार करने को तैयार नहीं थी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने के लिए संविधान में अनुच्छेद 19ए जोड़ा गया था और इस बदलाव को जवाहरलाल नेहरू, जो उस समय प्रधान मंत्री थे, द्वारा लागू किया गया था। हमारे संविधान को कभी भी अपरिवर्तनशील नहीं माना गया। समय के साथ साथ देश भी बदलना चाहिए, समय के साथ साथ कानून भी बदलने चाहिए और समय के साथ साथ समाज भी बदलना चाहिए। परिवर्तन इस जीवन का मंत्र है, सत्य है। इसको हमारे संविधान सभी ने स्वीकार किया था। इसलिए आर्टिकल 368 में संविधान संशोधन के लिए प्रोविजन किया गया था। (Shah in Rajya Sabha)
कुछ राजनेता 54 साल की आयु में खुद को युवा कहते हैं: शाह
उन्होंने कहा कि अभी कुछ राजनेता आए हैं और 54 साल की आयु में अपने आप को युवा कहते हैं और घूमते रहते हैं कि संविधान बदल देंगे, संविधान बदल देंगे। मैं उनको कहना चाहता हूं कि संविधान के प्रावधानों को बदलने का प्रोविजन आर्टिकल 368 के अंदर संविधान में ही है, जो लोग कहते थे लोकतंत्र इस देश में सफल नहीं होगा, आज 75 साल हो गए। हमारे आसपास भी कई देश स्वतंत्र हुए और नई शुरुआत हुई। लेकिन वहां कई बार लोकतंत्र सफल नहीं हुआ। हमारा लोकतंत्र आज पाताल तक गहरा पहुंचा है। अनेक तानाशाहों के अहंकार को चूर-चूर करने का काम लोकतांत्रिक तरीके से इस देश की जनता ने किया है। मोदी सरकार ने सबसे पहला संशोधन 101वां संशोधन किया। हम जीएसटी को लेकर आए और देश के अर्थतंत्र को मजबूत करने का काम किया। (Shah in Rajya Sabha)
संविधान लहराने और बहकाने का मुद्दा नहीं: शाह
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दूसरा संशोधन हम 102वां संशोधन लाए। नेशनल कमीशन फॉर बैकवर्ड क्लास को संवैधानिक दर्जा देने का काम किया। वोटबैंक की राजनीति कांग्रेस करती है, वोटबैंक की राजनीति हम नहीं कर रहे हैं। वोटबैंक की राजनीति करके मुस्लिम बहनों के साथ इतने दिनों तक अन्याय करने का काम… कांग्रेस पार्टी ने किया है। हमने तो ट्रिपल तलाक समाप्त करके मुस्लिम माताओं-बहनों को अधिकार दिया। अभी हाल में हुए चुनाव में हमने अजीबो-गरीब नजारा देखा। इतने साल चुनाव हुए, लेकिन मैंने आजतक किसी को आम सभाओं में संविधान को लहराते नहीं देखा। संविधान को लहराकर और झूठ बोलकर कुत्सित प्रयास कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने किया। संविधान लहराने और बहकाने का मुद्दा नहीं है, संविधान विश्वास है, संविधान श्रद्धा है। (Shah in Rajya Sabha)