न्यूज़ डेस्क
भारत को 2027 में पहली महिला मुख्य न्यायाधीश (CJI) मिल सकती है। सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने मंगलवार को 22 महीने बाद नौ नामों की सिफारिश भेजी है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने सरकार पास ये 9 नाम भेजे हैं जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल है। बता दें कि इन नामों में से कोई एक आने वाले समय में भारत की पहली महिला तीफ जस्टिस ऑफ इंडिया भी बन सकती हैं।
सरकार को भेजे गए नामों में कर्नाटक उच्च न्यायालय (एचसी) से न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना का नाम भी शामिल है, जो अब पदोन्नत होने पर 2027 में देश की पहली महिला सीजेआई बन सकती हैं। न्यायमूर्ति नागरत्ना के अलावा, पांच सदस्यीय कॉलेजियम द्वारा चुनी गई अन्य दो महिला न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति हिमा कोहली, तेलंगाना एचसी की मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी, गुजरात एचसी में न्यायाधीश शामिल हैं।
कॉलजियम द्वारा दिए गए बाकी नामों में नामों में जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका (कर्नाटक एचसी के मुख्य न्यायाधीश), विक्रम नाथ (गुजरात एचसी के मुख्य न्यायाधीश), जितेंद्र कुमार माहेश्वरी (सिक्किम एचसी के मुख्य न्यायाधीश) , सीटी रविकुमार (केरल एचसी में न्यायाधीश) और एमएम सुंदरेश (केरल एचसी में न्यायाधीश) शामिल हैं।
कौन हैं जस्टिस बीवी नागरत्ना
जस्टिस बीवी नागरत्ना अभी कर्नाटक हाई कोर्ट की जज हैं। वकील के तौर पर 28 अक्टूबर, 1987 को इनका बेंगलुरु में रजिस्ट्रेशन हुआ। इन्होंने बेंगलुरु में ही वकालत शुरू की और कॉन्स्टीट्यूशनल लॉ, कॉमर्शियल लॉ, इंश्योरेंस लॉ जैसे विषयों में इनकी काफी पकड़ रही।18 फरवरी, 2008 को यह कर्नाटक हाई कोर्ट में बतौर एडिश्नल जज नियुक्त हुईं और फिर दो साल बाद यानी 17 फरवरी, 2010 को परमानेंट जज बन गईं। अगर केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी तो जस्टिस नागरत्ना 2027 में देश की पहली महिला मुख्य न्यायधीश बन सकती हैं।
नवंबर 2019 में सीजेआई के रूप में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की सेवानिवृत्ति के बाद से, कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत में नियुक्तियों के लिए केंद्र सरकार को एक भी सिफारिश नहीं भेजी थी। 12 अगस्त को न्यायमूर्ति नरीमन के बाहर हो जाने के बाद से 9 लोगों की जगह खाली थी। अब न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा 18 अगस्त को रिटायर होने वाले हैं, जिसके बाद 10 लोगों की जगह खाली हो जाएगी।