कैश फॉर क्वेरी केस: लोकसभा एथिक्स कमेटी की बैठक अब 7 की जगह 9 नवंबर को होगी, जाने क्या होगा?

Cash For Query : TMC की सांसद महुआ मोइत्रा के कैश फॉर क्वेरी यानी पैसे के बदले में सवाल पूछने के आरोप में एथिक्स कमेटी की बैठक अब 7 नवंबर को होगी. इस बैठक में एथिक्स कमेटी महुआ मोइत्रा केस में मसौदा रिपोर्ट स्वीकार करने बैठेगी. सीधे शब्दों में समझें, तो इसका मतलब ये हुआ समिति ने महुआ मोइत्रा मामले में जांच पूरी कर ली है. महुआ मोइत्रा पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद निशिकांत दुबे ने पैसे और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा रखा है. निशिकांत दुबे का आरोप है कि महुआ मोइत्रा ने रिश्वत लेकर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी की तरफ से गौतम अडानी समूह पर निशाना साधने वाले सवाल संसद में पूछे.

अब आगे क्या होगा?
7 नवंबर की बैठक में अब एथिक्स कमेटी इस केस में अपनी जांच के आधार पर आगे की सिफारिश करेगी. यह काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस सिफारिश पर ही महुआ के खिलाफ आगे के एक्शन को लेकर दशा-दिशा तय होगी.

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वैसे 2 नवंबर को जब एथिक्स कमेटी के सामने महुआ मोइत्रा पेश हुई थीं, तो उस दिन काफी बवाल मचा था. महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर पर व्यक्तिगत और घटिया सवाल पूछने के आरोप लगाए थे. कमेटी में मौजूद विपक्षी दलों के सदस्यों के साथ महुआ इस बैठक से गुस्से में बाहर आई थीं. पर विनोद सोनकर ने उनके इन आरोपों का नकार दिया था. वैसे 15 सदस्यी एथिक्स कमेटी में बहुमत बीजेपी से जुड़े सदस्यों का है.

महुआ मोइत्रा पर क्या है आरोप?

एथिक्स कमेटी की जांच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर की गई है. दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अदाणी समूह को निशाना बनाने के लिए संसद में प्रश्न पूछने के एवज में उनके व्यापारिक प्रतिद्वंद्वी व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली है. निशिकांत दुबे की तरफ से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लिखे गए पत्र में महुआ को संसद से तत्काल निलंबित करने की मांग की गई थी. (Cash For Query)

निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखी थी चिट्ठी

निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को 15 अक्टूबर को एक चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया था कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गए 61 सवालों में से 50 प्रश्न अडाणी समूह पर केंद्रित थे. उन्होंने शिकायत में कहा कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अदाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किए हैं, जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता. दुबे की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ने आचार समिति के पास भेज दिया था. (Cash For Query)

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