मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बनाई 3 महिला जजों की कमेटी, पढ़ें पूरी खबर

Supreme Court on Manipur: मणिपुर में 3 मई से हिंसा लगातार जारी है। इस बीच इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई, जहां जानकारी देने मणिपुर के DGP राजीव सिंह कोर्ट पहुंचे। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के 3 जजों की कमेटी मणिपुर में जाकर राहत और पुर्नवास देखे। कोर्ट ने ये भी कहा कि ऐसी कोशिशें की जानी चाहिए, ताकि राज्य के लोगों में विश्वास और कानून के शासन में भरोसा लौट सके। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस रहीं गीता मित्तल इस कमेटी की हेड रहेंगी। कमेटी की दो अन्य सदस्य जस्टिस (रिटायर्ड) शालिनी पी जोशी और जस्टिस (रिटायर्ड) आशा मेनन रहेंगी।

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सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि मणिपुर की मौजूदा स्थिति नाजुक है। बाहर से जांच होना लोगों में विश्वास पैदा नहीं करेगा। सरकार स्थिति को संभालने के लिए परिपक्व तरीके से डील कर रही है। मणिपुर में एक आर्टिफिशियल सिचुएशन बनाई गई है, जिससे बताया जा रहा है कि सरकार कुछ नहीं कर रही है। यह बहुत उलझाऊ स्थिति है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मणिपुर में हिंसा से जुड़े मामलों में 42 स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम यानी SIT जांच करेंगी। इन केसों को अभी तक CBI को ट्रांसफर नहीं किया गया है। इन SIT के काम को DIG रैंक का अफसर निगरानी करेगा। ये अफसर मणिपुर के बाहर के होंगे। (Supreme Court on Manipur)

DIG रैंक का एक अफसर 6 SIT की निगरानी करेगा। इन SIT की जिले के आधार पर नियुक्ति होगी। दरअसल, सुनवाई के दौरान वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि दो महिलाओं को पीटा गया। उन्हें मरा मान लिया गया था। इसके बाद उन्हें ICU में भर्ती किया गया। यहां रिपोर्ट में बताया गया कि सामान्य चोटें थीं। इसके लिए कोई FIR नहीं की गई। इसके तहत लोकसेवकों के एक्शन न लेने पर अकाउंटेबिलिटी तय होती है। वकील इंदिरा जय सिंह ने कहा कि मणिपुर में झड़प जारी है। मेरा केस जांच और अपराध की रोकथाम को लेकर है। मैं एक जॉइंट स्टेटमेंट पढ़ूंगी। जो मेरे, वृंदा ग्रोवर, मिस शोभा और मि. पाशा की तरफ से है। (Supreme Court on Manipur)

वकील इंदिरा जय सिंह ने कहा कि तीन अप्रोच हो सकती हैं। कोर्ट की तरफ से एक हाईपॉवर्ड कमीशन भेजा जाए। इसमें तीन रिटायर्ड तीन महिला जज हों। ये कोर्ट की आंखें और कान रहेंगी। वकील इंदिरा जय सिंह कहा कि 2012 के निर्भया केस में हमने देखा था कि पुलिस अपनी ड्यूटी नहीं कर रही थी। 2012 में संशोधन के तहत IPC में धारा 166ए जोड़ी गई। इसके तहत जो पुलिसवाले अपनी ड्यूटी नहीं करेंगे, उन्हें सजा दी जाएगी। हम इस धारा को लागू करने के लिए कह रहे हैं। देश के लिंचिंग के मामले सामने आने पर भी मुद्दा उठा था। तब कोर्ट ने प्रिवेंटिव मेजर्स की बात कही थी। (Supreme Court on Manipur)

मेइरा पाइबी संगठन एक्टिव

इधर, मणिपुर की राजधानी इंफाल में आने वाले सभी रास्तों को मैतेई महिलाओं के संगठन मेइरा पाइबी ने रोक दिया है। इन्होंने हर रास्ते की एंट्री पर चेक पॉइंट बनाए हैं। ये महिलाएं सेना और केंद्रीय सुरक्षाबलों की गाड़ियों को रोककर जवानों के आई-कार्ड चेक कर रही हैं। इंफाल में लगभग 500 महिलाओं की भीड़ ने कॉर्प्स ऑफ मिलिट्री पुलिस के काफिले को रोक दिया। उनका आरोप था कि काफिले में कुकी समुदाय के फौजी हैं। महिलाओं ने जवानों के नाम और राज्य पूछकर उनसे आधार कार्ड की मांग की। सैन्य अफसरों ने आपत्ति भी जताई, लेकिन काफिले को लौटना पड़ा। बता दें कि मणिपुर में हिंसा की आग 3 महीने बाद भी शांत नहीं हुई है। (Supreme Court on Manipur)

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