परीक्षा परिणाम से तनाव और डिप्रेशन को दूर करने की पहल, पढ़ें पूरी खबर

Stress Management of Students: छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से कक्षा 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम हर साल घोषित किए जाते हैं, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं आने से विद्यार्थी तनाव में रहते हैं और कुछ विद्यार्थी तो डिप्रेशन में चले जाते हैं। छत्तीसगढ़ शासन ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल और SCERT के सहयोग से ऑनलाइन दक्षता विकास और अभिप्रेरणा प्रशिक्षण  आयोजित की गई। अपर मुख्य सचिव रेनू पिल्ले ने कहा कि हम जल्द बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषित करने जा रहे हैं। परीक्षा परिणाम घोषित होने के पहले या बाद में विद्यार्थियों को निराश होने या तनाव लेने की आवश्यकता नहीं है। पालकों को भी बच्चों से बहुत अधिक एक्सपेक्टेशन नहीं करनी चाहिए।

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उन्होंने कहा कि अगर किसी भी बच्चे में यह प्रवृत्ति पायी जाती है या इस संदर्भ में कोई भी सूचना मिलती है तो स्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नंबर “104 आरोग्य सेवा निःशुल्क परामर्श” पर सूचित किया जा सकता है । यह टोल फ्री नंबर 24×7 संचालित रहेगा । सूचना प्राप्त होने पर विद्यार्थियों के हित में तत्काल समाधान उपलब्ध कराया जा सकेगा । स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने कहा कि कई बच्चे अपेक्षा अनुसार परिणाम नहीं ला पाते इस स्थिति में तनाव नहीं लेना चाहिए। कम नंबर लाने का मतलब यह नहीं है कि नॉलेज कम है, कई व्यक्तित्व ऐसे हैं जो अपने बचपन में अच्छे नंबर नहीं ला पाए पर आगे जाकर उन्होंने बहुत ख्याति प्राप्त की। (Stress Management of Students)

परदेसी ने सभी विभागीय व मैदानी अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। खनिज विभाग के संयुक्त सचिव सुनील जैन ने महासमुंद जिले के अनुभव और पूर्व में किए गए नवाचार स्वयंसेवी अभियान को नवजीवन के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रत्येक ग्राम में एक जन सहयोग आधारित कार्यक्रम, स्वयंसेवी की मदद लेने की प्रक्रिया और क्रियान्वयन के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को मार्गदर्शन दिया। विषय विशेषज्ञ डॉ.स्वाति शर्मा ने कुछ ऐसे व्यक्तित्व का उदाहरण दिया – जिनके प्रारंभिक जीवन में चुनौतियां थी परंतु बाद में भी सफल हुए। उदाहरण के लिए बिल गेट्स,अल्बर्ट आइंस्टीन, थॉमस एडिसन । साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों को हमेशा इनकरेज करना चाहिए , फैमिली एनवायरमेंट हमेशा पॉजिटिव होना चाहिए, बच्चों को अन्य बच्चों के साथ कंपेयर नहीं करना चाहिए और हमेशा बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चाहिए। (Stress Management of Students)

तनाव प्रबंधन करना जरूरी: जेपी रथ

मेडिकल कॉलेज रायपुर के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति सिंह ने बताया कि बहुत बार ऐसा देखा गया है कि बहुत अच्छे रिजल्ट लाने वाले बच्चों का परिणाम खराब हो जाता है तो ऐसे बच्चे अपने रिजल्ट को एक्सेप्ट नहीं कर पाते, ऐसे बच्चे तनाव ग्रसित हो जाते हैं कभी-कभी अपने बड़े भाई या बहनों के साथ कंपैरिजन करने पर भी वह अपने आप को कुंठित महसूस करते हैं। कैरियर काउंसलर डॉ. वर्षा वरवंडकर ने बताया कि कैरियर काउंसलिंग विद्यार्थियों के लिए अत्यंत आवश्यक है उन्होंने बताया कि वर्तमान में बच्चों के लिए 5000 से ज्यादा करियर के ऑप्शन है और बच्चों में 21 वीं सदी सेंचुरी स्किल विकसित करने की अत्यंत आवश्यकता है। अतिरिक्त संचालक जे.पी.रथ ने कहा कि परीक्षा के बाद बच्चे तनाव ग्रसित हो जाते हैं और गलत रास्ते पर चले जाते हैं। ऐसे में  इसके लिए तनाव प्रबंधन करना अत्यंत आवश्यक है। (Stress Management of Students)

30 हजार से ज्यादा लोगों ने लिया हिस्सा

गौरतलब है कि पहली बार राज्य में परीक्षा परिणाम से विद्यार्थियों में उत्पन्न विभिन्न अवसाद और अन्य जानलेवा समस्याओं से निजात पाने और उन्हें पहचान कर नियंत्रित करने, समाज, पालक, स्वयसेवियों, शिक्षकों के माध्यम से निगरानी प्रणाली विकसित करने यह दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस ऑनलाइन प्रशिक्षण से लगभग 30,000 से ज्यादा यानी बड़ी संख्या में सरकारी- निजी स्कूलों के 10-12 वीं कक्षा शिक्षक, पालक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता और बीईओ, बीआरसीसी, सीआरसी ने स्वेच्छा से प्रशिक्षण लिया। पूरी तरह स्वेच्छा पर आधारित इस अभियान के प्रशिक्षित और स्वयंसेवी सदस्य स्कूल शिक्षा विभाग और विशेष कर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा चिन्हांकित समाजशास्त्रियों, मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों के माध्यम से 10-12 वीं परीक्षा परिणाम घोषित होने के पहले और बाद में निरंतर अपना योगदान देंगे। (Stress Management of Students)

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