Teacher Appointed in Korba: कुछ समय पहले तक अपने स्कूल में शिक्षकों की कमी को लेकर छात्र परेशान थे। स्कूलों में विषय से संबंधित शिक्षक नहीं होन या फिर एकमात्र शिक्षक होने और कभी-कभी उनके अवकाश में रहने से अध्यापन ठप होने जाने की शिकायत पालकों की भी रहती थी। कई बार शिक्षकों की कमी को लेकर प्रदर्शन तक भी होते रहते थे। शिक्षकों की कमी का सबसे ज्यादा खामियाजा छात्रों को ही भुगतना पड़ता था। समय पर पाठयक्रम पूरे नहीं होते थे तो उन्हें विषय का ज्ञान भी नहीं मिल पाता था। कई बार तो शिक्षकों की कमी को देखते हुए कुछ छात्र अपने आसपास के स्कूलों से दूर जाकर दूसरे स्कूल तक में पढ़ाई करते थे।
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वहीं शिक्षक नहीं होने पर सीमित संख्या में उपलब्ध शिक्षकों के कंधे पर भी अन्य विषयों का अध्यापन कराने की मजबूरी आ जाती थी। कुछ इन्हीं समस्याओं को ध्यान रखकर छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए नवाचारी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिशा निर्देशन में कलेक्टर अजीत वसंत मो कोरबा जिले में बेहतर शैक्षणिक वातावरण तैयार किया जा रहा है। जिले में सैकड़ों ऐसे स्कूल थे, जहां शिक्षकों की कमी थी। अब उन स्कूलों में विषय से संबंधित लेक्चचर, शिक्षकों, सहायक शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। अब शिक्षक नियुक्त हो जाने से स्कूलों में अध्यापन व्यवस्था पहले से बेहतर हो गई है। (Teacher Appointed in Korba)
कोरबा जिले में शिक्षा व्यवस्था को पहले से और बेहतर बनाने की दिशा में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। कोरबा जिले में दो हजार से ज्यादा स्कूल है। हायर सेकेंडरी, माध्यमिक शाला, प्राथमिक शाला में शिक्षकों की कमी की शिकायत लगातार कलेक्टर के पास आती रहती थी। उन्होंने जिला खनिज संस्थान न्यास के माध्यम से सभी विद्यालयों की जानकारी जुटाकर शिक्षकों की कमी को दूर करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। हायर सेकेंडरी स्कूलों में विषय शिक्षकों की भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मंगाए गए और निर्धारित योग्यता पूरी करने वाले उम्मदवारों का चयन किया गया। (Teacher Appointed in Korba)
प्राथमिक शाला कोरई में मानदेय के आधार पर नियुक्त हुई। शिक्षिका चंद्रिका पैंकरा और प्राथमिक शाला कदमझेरिया की शिक्षिका शकुंतला कंवर ने बताया कि स्कूल में अतिथि शिक्षक के रूप में जिम्मेदारी मिलने के बाद वे भी जिम्मेदारी के साथ बच्चों का अध्यापन करा रहे हैं। यह खुशी की बात है कि शिक्षकों की नियुक्ति में पारदर्शिता बरतते हुए गांव के बेरोजगार योग्य युवाओं को भी अवसर दिया गया है। जिले के हायर सेकेंडरी स्कूलों में कुल 118 लेक्चरर की नियुक्ति की गई। इसी तरह माध्यमिक शाला में 96 शिक्षकों और प्राथमिक शाला में 263 सहायक शिक्षकों समेत 40 पीवीटीजी शिक्षकों की नियुक्ति की गई। इस तरह कुल 517 शिक्षकों की नियुक्ति जिले में की गई है। (Teacher Appointed in Korba)
आदिवासियों को वरीयता
सभी शिक्षकों को मानदेय के आधार पर रखा गया है और डीएमएफ से उन्हें प्रतिमाह वेतन दिया जाता है, जिसमें रिक्त पदों के विरूद्ध शिक्षकों की नियुक्ति हो जाने से विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक माहौल मिलने लगा है। उनका समय पर पाठयक्रम पूरा हो रहा है वहीं विषय ज्ञान का स्तर भी सुधरने लगा है। एकल शिक्षकीय विद्यालयों में भी शिक्षकों को राहत मिली है। अभिभावक भी इस व्यवस्था से संतुष्ट है। खास बात यह भी है कि शिक्षकों की नियुक्ति में जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार पहाड़ी कोरवा, बिरहोर समाज को भी वरीयता दी गई है। उन्हें भी उनकी योग्यता के आधार पर जिले के कई स्कूलों में शिक्षक समेत भृत्य और अन्य पदों पर रखा गया है, ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत होकर समाज की मुख्यधारा में आ सकें। (Teacher Appointed in Korba)
भृत्यों की नियुक्ति समेत दूसरे सुविधाओं पर ध्यान
जिले के हायर सेकेंडरी, माध्यमिक शाला, प्राथमिक शाला विद्यालय में लेक्चचर, शिक्षकों, सहायक शिक्षकों की नियुक्ति तो की ही गई है। इसके साथ ही स्कूलों में 270 भृत्य भी नियुक्त किए गए हैं। कलेक्टर अजीत वसंत ने जर्जर विद्यालयों की भी सुध ली है। उन्होंने जर्जर भवनों की जानकारी मंगाकर नए भवन स्वीकृत किए हैं। जिले में संचालित शासकीय संस्थाओं के भवन, किचन शेड, शौचालय की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर आवश्यकता अनुसार स्वीकृति दी गई है। जिले के परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए केंद्रीय परीक्षा पद्धति अपनाते हुए जिले के समस्त विद्यालय के लिए पाठ्यक्रम निर्धारित कर नियत समय पर त्रैमासिक और अर्धवार्षिक परीक्षा संचालित करने के लिए निर्देशित किया गया है। (Teacher Appointed in Korba)
नाश्ते की भी व्यवस्था
कक्षा 10वीं एवं 12वीं के कमजोर छात्र-छात्राओं के लिए बोर्ड परीक्षा के पूर्व शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए नवीन कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। जिले के 2100 से ज्यादा प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने नाश्ते वितरण कराए जा रहे हैं। खाना पकाने गैस कनेक्शन दी गई है। विद्यालयों में आवश्यक संसाधान मुहैया कराया जा रहा है और शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि जिले में शिक्षकों की व्यवस्था से बच्चों की अच्छे से पढ़ाई हो पा रही है। इससे छात्रों के अभिभावक भी खुश है। (Teacher Appointed in Korba)