थरूर की नजर में जम्मू-कश्मीर के बिना भारत !, मेनिफेस्टो में गलत नक्शे के बाद बढ़ा विवाद

Tharoor Manifesto Vivad: कांग्रेस के अध्यक्ष पद के नामांकन के बाद सांसद शशि थरूर ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया, जो विवाद का कारण बन गया। दरअसल, शशि थरूर के चुनावी घोषणा पत्र के पेज नंबर दो पर छपे भारत के नक्शे से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का कुछ हिस्सा गायब दिखा। विवाद बढ़ने पर थरूर ने अपने ट्विटर अकाउंट से विवादित नक्शे वाली पोस्ट हटा दी है। बता दें कि नक्शे के नीचे PCC अध्यक्षों को अधिकार मिलने चाहिए लिखा था। वहीं घोषणा पत्र के जिस पेज पर विवादित नक्शा छपा है, उस पर लिखा है कि हर पार्टी को सिर्फ टॉप पर नहीं, बल्कि सभी लेवल पर नेतृत्व की जरूरत होती है। राज्यों में कांग्रेस को सशक्त बनाने के लिए PCC अध्यक्षों को वास्तविक अधिकार मिलने चाहिए। इससे पार्टी के जमीनी वर्कर्स सही मायने में सशक्त बनेंगे।

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हमें भाजपा के पार्टी और शासन के मामलों में सत्ता के सेंट्रलाइजेशन के लिए एक विश्वसनीय विकल्प प्रदान करना चाहिए। राज्य, जिला, ब्लॉक देना और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने से न केवल नए नेता को अत्यधिक प्रशासन के भारी बोझ से मुक्ति मिलेगी, बल्कि मजबूत राज्य नेतृत्व बनाने में भी मदद होगी। बता दें कि कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए शुक्रवार को 3 नामांकन हुए। पहला नामांकन शशि थरूर, दूसरा नामांकन झारखंड के कांग्रेस लीडर केएन त्रिपाठी और तीसरा नॉमिनेशन मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया। इसके साथ ही तय हो गया है कि अगला अध्यक्ष गैर-गांधी ही होगा। थरूर और त्रिपाठी के प्रस्तावकों में इक्का-दुक्का लीडर्स थे, लेकिन गांधी फैमिली की चॉइस बताए जा रहे मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावकों की लिस्ट में 30 बड़े नेताओं के नाम हैं। इनमें जी-23 के बड़े चेहरे आनंद शर्मा और मनीष तिवारी भी शामिल हैं। (Tharoor Manifesto Vivad)

खड़गे के साथ नेताओं के हुजूम की तस्वीर साफ कर रही है कि नॉमिनेशन ही नतीजे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि दो से ज्यादा लोग होते हैं, तो रिटर्निंग अधिकारी उन नामों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पास भेजते हैं। वोटिंग वाले दिन प्रदेश कमेटी के सभी सदस्य उसमें हिस्सा लेते हैं। PCC के प्रदेश मुख्यालय में वोटिंग पेपर और बैलेट बॉक्स से चुनाव होता है। अगर दो उम्मीदवार हैं, तो वोट देने वालों को किसी एक का नाम लिखकर बैलेट बॉक्स में डालना होता है। अगर दो से ज्यादा उम्मीदवार हैं, तो वोट देने वाले को पहला दो प्रिफरेंस (वरीयता) 1 और 2 नंबर के जरिए लिखना होता है। दो से कम प्रिफरेंस लिखने वालों के वोट अमान्य करार दिए जाते हैं। हालांकि वोटिंग करने वाले दो से ज्यादा प्रिफरेंस दे सकते हैं। PCC में जमा किए गए बैलेट बॉक्स को AICC भेजा जाता है। अब देखना होगा कि कांग्रेस की कमान किसे मिलती है। (Tharoor Manifesto Vivad)

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