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PM मोदी के मन की बात का 81वां संस्करण, जानिए PM ने क्या कहा?

नई दिल्ली: आज ही अमेरिका दौरे से आए PM मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 81 वां संस्करण के जरिए देश को संबो‍धित किया। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान कई विषयों पर बात की।

देश के युवाओं को पीएम मोदी ने प्रेरित करते हुए अपनी संस्कृति से जुड़े रहने की अपील भी की पीएम मोदी ने अपनी संस्कृतिक विरासत को आगे ले जाने को कहा।

मन की बात कार्यक्रम में कही गई बातें :

 

  • Healthcare और Wellness को लेकर आज जिज्ञासा भी बढ़ी है और जागरूकता भी।
  • हमारे देश में पारंपरिक रूप से ऐसे Natural Products प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं जो Wellness यानि सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
  • पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर, खेती में हो रहे नए प्रयोग, नए विकल्प, लगातार, स्वरोजगार के नए साधन बना रहे हैं।
  • 39 साल के बिलाल अहमद जी Highly Qualified हैं, उन्होंने कई डिग्रियां हासिल कर रखी हैं। अपनी उच्च शिक्षा से जुड़े अनुभवों का इस्तेमाल आज वो कृषि में खुद का Start-up बनाकर कर रहे हैं।
  • पुलवामा के शेख भाइयों ने Job Seeker बनने की जगह Job Creator बनने का संकल्प लिया और आज वो जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि देश भर के लोगों को नई राह दिखा रहे हैं।
  • दीनदयाल जी, पिछली सदी के सबसे बड़े विचारकों में से एक हैं।
  • दीनदयाल जी के जीवन से हमें कभी हार न मानने की भी सीख मिलती है।

वर्ल्ड रिवर डे’

मन की बात कार्यक्रम के दौरान PM मोदी ने बताया- वैसे तो हम लोग बहुत सारे Days याद रखते हैं, तरह-तरह के Days मनाते हैलेकिन लेकिन एक और Day ऐसा है जो हम सबको याद रखना चाहिए और ये day ऐसा है जो भारत की परम्पराओं से बहुत सुसंगत है। सदियों से जिस परम्पराओं से हम जुड़े हैं उससे जोड़ने वाला है, ‘वर्ल्ड रिवर डे’ यानी ‘विश्व नदी दिवस’।

जल के एक-एक बिंदु को अपने में समेटना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नदियों का स्मरण करने की परंपरा आज भले लुप्त हो गई हो या कहीं बहुत अल्पमात्रा में बची हो लेकिन एक बहुत बड़ी परंपरा थी जो प्रातः में ही स्नान करते समय ही विशाल भारत की एक यात्रा करा देती थी,छठ पूजा व नमामि गंगे’ अभियान पर बोले। PM मोदी ने मन की बात में यह भी कहा- जैसे गुजरात में बारिश की शुरुआत होती है तो गुजरात में जल-जीलनी एकादशी मनाते हैं।

मतलब की आज के युग में हम जिसको कहते है ‘Catch the Rain’ वो वही बात है कि, जल के एक-एक बिंदु को अपने में समेटना, जल-जीलनी। उसी प्रकार से बारिश के बाद बिहार और पूरब के हिस्सों में छठ का महापर्व मनाया जाता है। मुझे उम्मीद है कि, छठ पूजा को देखते हुए नदियों के किनारे, घाटों की सफाई और मरम्मत की तैयारी शुरू कर दी गई होगी।

महात्मा गांधी का स्वच्छता जन-आन्दोलन

PM मोदी ने यह बात भी कही- कभी भी छोटी बात को छोटी चीज़ को, छोटी मानने की गलती नहीं करनी चाहिए। अगर महात्मा गांधी जी के जीवन की तरफ हम देखेंगे तो हम हर पल महसूस करेंगे कि छोटी-छोटी बातों की उनके जीवन में कितनी बड़ी अहमियत थी और छोटी-छोटी बातों को ले करके बड़े बड़े संकल्पों को कैसे उन्होंने साकार किया था।

हमारे आज के नौजवान को ये जरुर जानना चाहिए कि साफ़-सफाई के अभियान ने कैसे आजादी के आन्दोलन को एक निरंतर ऊर्जा दी थी। ये महात्मा गांधी ही तो थे, जिन्होंने स्वच्छता को जन-आन्दोलन बनाने का काम किया था।

आज इतने दशकों बाद, स्वच्छता आन्दोलन ने एक बार फिर देश को नए भारत के सपने के साथ जोड़ने का काम किया है। और ये हमारी आदतों को बदलने का भी अभियान बन रहा है।

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खादी और हैंडलूम का उत्पादन कई गुना बढ़ा

PM मोदी ने बताया कि, ”आज आज़ादी के 75वें साल में हम जब आज़ादी के अमृत महोत्सव को मना रहे हैं, आज हम संतोष से कह सकते हैं कि आज़ादी के आंदोलन में जो गौरव खादी को था आज हमारी युवा पीढ़ी खादी को वो गौरव दे रही है।

आज खादी और हैंडलूम का उत्पादन कई गुना बढ़ा है और उसकी मांग भी बढ़ी है। आप भी जानते हैं ऐसे कई अवसर आये हैं जब दिल्ली के खादी शोरूम में एक दिन में एक करोड़ रूपए से ज्यादा का कारोबार हुआ है।”

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