आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी लेने से पीड़ित परिवार का इनकार, बोले- हमें कीमत नहीं इंसाफ चाहिए

Bemetara Violence : छत्तीसगढ़ का बेमेतरा जिला सांप्रदायिक हिंसा की आग में जल रहा है। शनिवार को पुलिस की गाड़ी जली, सोमवार को एक मकान में आग लगाई गई जहां सिलेंडर ब्लास्ट हुआ। इसके साथ शनिवार के झड़प में भुनेश्वर साहू की हत्या हुई। लेकिन इसके दो दिन बाद दो और लोगों की बॉडी पुलिस ने बरामद की है। इसके बाद पूरे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति है। सवाल यह है कि आखिर इतना सब कुछ कैसे हो गया। दो समुदायों के झड़प की इनसाइड स्टोरी क्या है?

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Bemetara Violence : सरकार की सहायता और नौकरी लेने से इंकार

मंगलवार की सुबह राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। लेकिन दोपहर 4 बजे तक पीड़ित परिवार को इसकी जानकारी तक नहीं लगी। जब पीड़ित परिवार से मुलाकात की तो पीड़ित परिवार की पहली प्रतिक्रिया आई।

मृतक भुवनेश्वर साहू के भाई कृष्ण साहू ने सरकार के इस घोषणा को रिश्वत बता दिया है। कृष्ण ने कहा है हमें इंसाफ चाहिए। आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। जान के बदले पैसे लेने के लिए हम राजी नहीं हैं। मैं अपने परिवार को रोजी मजदूरी कर पाल लूंगा। इसके अलावा कृष्ण की बगल में खड़ी उसकी बड़ी बहन ने भी सरकार की घोषणा को कोई तवज्जों नहीं दिया। उसने कहा कि हम सरकार के पैसे से सहमत नहीं हैं। पहले उनको सजा दीजिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हमारा मुंह बंद करने की कोशिश कर रही है। हमारे भाई की कीमत दे रहे हैं। जान के बदले फांसी देना चाहिए।

बिरनपुर गांव की ग्राउंड रिपोर्ट

गांव में हिंसा के चौथे दिन भी गांव में दो और बॉडी पुलिस को मिली है। ये दोनों बॉडी बाप-बेटे की है। पिता रहीम मौहम्मद, ईदुल मोहम्मद की बॉडी गांव से बाहर के सुनसान इलाके में मिली है। पुलिस ने दोनों की बॉडी की पहचान कर ली है। इसी गांव के रहने वाले हैं। इस घटना के पीछे अबतक कोई जानकारी पुलिस को नहीं है कि आखिर इन दोनों की हत्या किसने की है। हालाकि गांव के ग्रामीणों को कहना है कि सोमवार को दोनों बकरी चराने के लिए बाहर गए थे। इसके बाद जब रात तक वापस नहीं आए तो पुलिस ने आस पास में छानबीन की है।

Bemetara Violence : गांव में उस दिन क्या हुआ था

शनिवार को सुबह का वक्त था भुवनेश्वर नहा कर घर वापस ही आया था कि.. एक आवाज आई कुछ लोगों ने कहा आपके लोगों को मारा जा रहा है। इसी आवाज को सुनकर भुनेश्वर घर से निकला। मुश्किल से घर से 200 मीटर की दूरी में पहुंचा और उसके बाद हिंसक झड़प में वो जख्मी हो गया। भुवनेश्वर के भाई कृष्ण साहू ने बताया कि कान से पानी की तरह खून बह रहा था। पेट के बगल में चालू से हमला करने का घाव था। सिर में जोरदार किसी औजार से हमला हुआ था। गर्दन से भी खून बह रहा था। कई लोगो ने मेरे भाई को मिलकर मारा है। उस दिन नौबत ये थी कि दूसरे वर्ग के लोग किसी को भी मरने के लिए तैयार थे।

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गांव में क्या हालत है

गांव में चप्पे चप्पे पर पुलिस जवानों की तैनाती की गई है। गांव के कई चौराहे में बेरीकेट लगाए गए हैं। इससे ग्रामीण अपने अपने घरों में कैद हैं। कोई घर से बाहर नहीं निकल रहा है। मुनव्वर इसी गांव के है। उन्होंने बताया कि उनकी तबियत खराब है। लेकिन पुलिस प्रशासन किसी को कहीं बाहर जाने नहीं दे रही है। इसलिए दवाई भी नहीं ले पा रहे हैं। इसके अलावा उनके घर में कुछ बकरियां हैं। जो पिछले 4 दिनों से दुखी है। थोड़ा बहुत गली मोहल्ले का चारा खिला कर चला रहे हैं। उन्होंने बताया है कि पहली बार इस तरह की घटना हमने देखा है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

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