लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कांग्रेस पर कसा तंज, कहा- उनके पास न नीति और न ही नेतृत्व
Om Birla on Congress: लोकसभा अध्यक्ष और कोटा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार ओम बिड़ला ने कहा कि देश और प्रदेश की जनता का प्रधानमंत्री मोदी पर अतिविश्वास है। हर आदमी-जन यही कहता है कि PM नरेंद्र मोदी जैसा मजबूत नेतृत्व, ईमानदार, देश के प्रति समर्पित… नेता कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास ना तो नेतृत्व है, ना नीति है और ना ही उनकी सरकार बनेगी। अगर राहुल गांधी ‘लीडर’ हैं तो INDIA गठबंधन उन्हें प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित करे। न INDIA गठबंधन ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया और न कांग्रेस ने उन्हें PM उम्मीदवार के रूप में पेश किया है।
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ओम बिड़ला ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ जातियों के आधार पर देश में विभाजन की रणनीति के तहत चुनाव लड़ना चाहती है और गलत तथ्यों को पेश कर रही है। बता दें कि राजस्थान की कोटा लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी के ओम बिड़ला और कांग्रेस के प्रहलाद गुंजल के बीच कड़ा मुकाबला है। इस चुनाव को लेकर दोनों के बीच जमकर सियासी हमले चल रहे हैं। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के वापस चुनाव जीतकर जाना कड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि अभी तक के इतिहास पर नजर डाली जाए तो जो भी सांसद लोकसभा अध्यक्ष बना है। वह फिर से लोकसभा में चुनाव जीतकर नहीं पहुंचा। (Om Birla on Congress)
#WATCH कोटा, राजस्थान: कोटा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार ओम बिरला ने कहा, "…यदि राहुल गांधी 'लीडर' हैं तो INDIA गठबंधन उन्हें प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित करे। न INDIA गठबंधन ने उन्हें(राहुल गांधी) प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया और न कांग्रेस ने उन्हें पीएम… pic.twitter.com/UhbiSEXkQ3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 18, 2024
साल 1999 के बाद से कोई लोकसभा अध्यक्ष दोबारा चुनाव नहीं जीत सका है। अक्टूबर 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी। तब तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेता GMC बालयोगी को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन 3 मार्च 2002 को एक हेलिकॉप्टर हादसे में उनका निधन हो गया। GMC बालयोगी के निधन के बाद अटल वाजपेयी की सरकार में शिवसेना नेता मनोहर जोशी को स्पीकर चुना गया, लेकिन 2004 में हुए लोकसभा के चुनाव में जोशी मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से हार गए। इसके कारण वो संसद नहीं पहुंच पाए। साल 2004 में UPA की सरकार बनी, जिसमें मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने। इस बार CPM के नेता सोमनाथ चटर्जी को लोकसभा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, लेकिन 2008 में UPA सरकार अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील पर समझौता कर रही थी। (Om Birla on Congress)
#WATCH कोटा, राजस्थान: कोटा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार ओम बिरला ने कहा, "देश और प्रदेश की जनता का प्रधानमंत्री मोदी पर अतिविश्वास है… हर आदमी-जन यही कहता है कि पीएम नरेंद्र मोदी जैसा मजबूत नेतृत्व, ईमानदार, देश के प्रति समर्पित… नेता कोई नहीं है… " pic.twitter.com/ngOiLLS53A
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CPM ने इस डील का विरोध किया। जबकि सोमनाथ चटर्जी पार्टी आदेश के खिलाफ डील के समर्थन में थे, जिस कारण 2008 में सोमनाथ चटर्जी को पार्टी से निलंबित कर दिया गया। लोकसभा अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति को अलविदा कह दिया और 2009 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। 2009 में UPA ने फिर सत्ता में वापसी की। मनमोहन सिंह फिर दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। मीरा कुमार को लोकसभा का स्पीकर चुना गया। मीरा कुमार देश की पहली महिला स्पीकर बनी। 2009 से 14 तक वे लोकसभा स्पीकर रहीं, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और वो संसद नहीं पहुंच सकीं। (Om Birla on Congress)
#WATCH कोटा, राजस्थान: कांग्रेस नेता अशोक गहलोत के बयान पर कोटा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार ओम बिरला ने कहा, "…कांग्रेस के पास ना तो नेतृत्व है, ना नीति है और ना ही उनकी सरकार बनेगी।" pic.twitter.com/Jx0bnUKXeq
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वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। इस बार इंदौर लोकसभा सीट से लगातार 8 बार चुनाव जीतने वाली सुमित्रा महाजन को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में 75 के उम्र का हवाले देते हुए पार्टी उनके टिकट को लेकर विचार विमर्श कर रही थी। इस दौरान उन्होंने लेटर लिख कर चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की। 2019 में चुनाव नहीं लड़ने के कारण सुमित्रा महाजन लोकसभा नहीं पहुंच पाई। 2019 में PM नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में फिर से NDA की सरकार बनी। (Om Birla on Congress)
ओम बिड़ला को मिल रही कड़ी टक्कर
इस बार बीजेपी के कोटा सांसद ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया। बीजेपी ने फिर से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए ओम बिरला को कोटा से टिकट दिया है। उनके सामने बीजेपी से कांग्रेस में शामिल होकर आए प्रहलाद गुंजल से उनकी कड़ी टक्कर है। अब तक के आंकड़ों को देखकर बिरला के चुनाव जीतकर वापस संसद तक पहुंच पाना चुनौती बन गई है। अब देखना होगा कि वे इस संयोग को बदलते हैं या खुद इसके शिकार हो जाते हैं। क्योंकि इस बार उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी से कड़ी टक्कर मिल रही है। हालांकि 2014 और 2019 के चुनाव में BJP ने राजस्थान के सभी 25 सीटों पर कब्जा किया था। अब देखना होगा कि BJP इस बार भी सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज कर पाती है या कांग्रेस का खाता खुलता है। (Om Birla on Congress)