दुनिया का सबसे बड़ा 5वां स्टॉक मार्केट बना भारत, निवेशकों का आंकड़ा 11 करोड़ के पार

India Stock Market: भारत तेजी से विकास कर रहा है। इसी बीच भारतीय स्टॉक मार्केट हाल ही में एक बार फिर फ्रांस को पछाड़कर दुनिया का 5वां सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट बन गया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद 24 जनवरी 2023 को अडाणी समूह के शेयरों में आई भारी बिकवाली की वजह से इसी साल जनवरी के दौरान यह खिसककर छठे स्थान पर चला गया था, लेकिन अडाणी समूह के शेयरों में आई रिकवरी और विदेशी निवेशकों की तरफ से की जा रही लिवाली के दम पर भारतीय शेयर बाजार अपने खोए हुए स्थान को फिर से हासिल करने में कामयाब रहा है।

यह भी पढ़ें:- एशिया कप में पाकिस्तान के प्रपोजल को मिल सकती है मंजूरी, श्रीलंका में हो सकते हैं भारत के मैच

बता दें कि 28 मई 2007 को भारतीय शेयर बाजार ने 1 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 82 लाख करोड़ रुपए के मार्केट कैप को पहली बार हासिल किया था, लेकिन 2 लाख करोड़ डॉलर यानी 164 लाख करोड़ के मार्केट कैप को छूने में बाजार को अगले 10 साल तक इंतजार करना पड़ा। आखिरकार 16 मई 2017 को ये इंतजार खत्म हुआ। जबकि इसे 2 लाख करोड़ डॉलर से 3 लाख करोड़ डॉलर यानी 246 लाख करोड़ रुपए की यात्रा तय करने में सिर्फ 4 साल लगे। 24 मई 2021 को भारतीय शेयर बाजार ने 3 लाख करोड़ डॉलर के मार्केट कैप को पहली बार छुआ। इतना ही नहीं शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या भी 11 करोड़ के पार निकलकर 11.44 करोड़ पर पहुंच गई है। (India Stock Market)

वहीं 25 जुलाई 1990 को BSE सेंसेक्स ने पहली बार 1 हजार के स्तर को छुआ था। 1 हजार से 10 हजार तक आने में इसे तकरीबन 16 साल लगे। इसका मतलब 6 फरवरी 2006। लेकिन 10 हजार से 60 हजार तक के सफर को सिर्फ 15 साल में पूरा कर लिया।वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल वर्ल्ड मार्केट कैप में अमेरिकी मार्केट की हिस्सेदारी लगभग 41% रही। जबकि भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 3% है। अमेरिका की 55% से भी ज्यादा आबादी वहां के शेयर बाजारों से जुड़ चुकी है। जबकि भारत में ये आंकड़ा भी सिर्फ 3% का है, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि भारतीय शेयर बाजार में अभी काफी संभावनाएं बाकी हैं। (India Stock Market)

जानकारी के मुताबिक शेयर मार्केट की शुरुआत चार गुजराती और एक पारसी शेयर ब्रोकर्स ने की थी। 1850 में ये मुंबई के टाउन हॉल के सामने लगे बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर विभिन्न व्यापारियों के साथ बैठक किया करते थे। ब्रोकर्स की संख्या लगातार बढ़ती गई। इसके साथ ही 1855 में इन्होंने स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग शुरू की। 1875 में इन्होंने अपना ‘द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन’ बना लिया। साथ ही दलाल स्ट्रीट पर एक ऑफिस भी खरीद लिया। 9 जुलाई 1875 को आधिकारिक रूप से स्टॉक एक्सचेंज शुरू हुआ। आज इसे ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कहा जाता है। (India Stock Market)

गौरतलब है कि भारत सरकार ने बीएसई को 1957 में सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट के तहत मान्यता दी थी। 1986 में बीएसई सेंसेक्स की शुरुआत हुई, जिसका बेस ईयर 1978-79 रखा गया और बेस 100 पॉइंट बनाया गया। साल 1992 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना हुई थी। अप्रैल 1993 में पूंजी बाजार नियामक ‘सेबी’ द्वारा इसे स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दी गई। प्रेमचंद रायचंद जैन को बॉम्बे स्टॉक मार्केट का पुरोधा माना जाता है। ये नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के संस्थापक सदस्य थे, जो बाद में बॉम्बे स्टॉक मार्केट कहलाया। वे बॉम्बे के कॉटन किंग कहलाते थे। (India Stock Market)

Related Articles

Back to top button